इतिहास: जब लोग बगावत करते हैं (1857 और उसके बाद) MCQ | Class 8 SST History Ch 5
प्रश्न 1 / 25
Class 8 Social Science Chapter 5 Objective Questions in Hindi
प्रिय छात्रों, यहाँ कक्षा 8 इतिहास अध्याय 5 “जब लोग बगावत करते हैं (1857 और उसके बाद)” के लिए ऑनलाइन MCQ टेस्ट प्रस्तुत है। यह क्विज़ 1857 के कारण, प्रमुख केंद्र, नायक, परिणाम और शासन-परिवर्तन पर केंद्रित है।
इस ऑनलाइन टेस्ट में, निम्नलिखित विषयों से संबंधित objective questions मिलेंगे:
- मेरठ से दिल्ली—बहादुर शाह ज़फ़र, झांसी, कानपुर, लखनऊ, बिहार (आरा) के केंद्र
- कारतूस-प्रकरण, सेना-असंतोष, रजवाड़ों/जमींदारों/किसानों की भागीदारी
- लैप्स की नीति, विलय, राजस्व-नीति और सामाजिक-धार्मिक आशंकाएँ
- दमन, 1858 अधिनियम, सेना-सुधार और ‘बाँटो-राज करो’ रणनीतियाँ
- राष्ट्रीय चेतना पर असर, वीर-नायकों का योगदान और दीर्घकालिक परिणाम
सभी 25 प्रश्नों के उत्तर दें और अंत में अपना स्कोर देखकर तैयारी का विश्लेषण करें। व्याख्याएँ अवश्य पढ़ें—गलतियों से सीखने में मदद मिलती है। शुभकामनाएँ!
1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण क्या माना जाता है?
कारतूसों पर गो-मांस/सूअर-चर्बी की अफवाह ने व्यापक असंतोष भड़काया।
विद्रोह का पहला बड़ा केंद्र कौन-सा था?
मेरठ से सैनिक विद्रोह शुरू होकर दिल्ली की ओर बढ़ा।
दिल्ली में विद्रोहियों ने किसे प्रतीकात्मक सम्राट घोषित किया?
दिल्ली कब्ज़े के बाद शहंशाह बहादुर शाह ज़फ़र को नेतृत्व का प्रतीक माना गया।
झांसी के विद्रोह का नेतृत्व किसने किया?
झांसी की रानी 1857 के विद्रोह की प्रमुख नायिका रहीं।
कानपुर में विद्रोह का प्रमुख नेता:
नाना साहेब की नेतृत्वकारी भूमिका कानपुर क्षेत्र में रही।
अवध/लखनऊ में किसका योगदान उल्लेखनीय था?
बेगम हज़रत महल ने लखनऊ में संघर्ष का नेतृत्व संभाला।
कुंवर सिंह किस क्षेत्र से जुड़े थे?
कुंवर सिंह बुज़ुर्ग होते हुए भी संघर्ष में अग्रणी रहे।
कंपनी नीतियों में कौन-सी बात असंतोष का कारण बनी?
राज्यों का विलय और राजनीतिक अधीनता नाराज़गी का कारण था।
सेना में कौन-सी बात नाखुशी का कारण बनी?
रोज़गार शर्तों और धार्मिक-आचरण पर आशंकाएँ थीं।
विद्रोह में ‘जमीनदार/तालुकेदार’ क्यों शामिल हुए?
राजस्व-नीतियाँ व ज़मीनी हस्तक्षेप से हित प्रभावित हुए।
विद्रोह के दमन के बाद क्या प्रशासनिक परिवर्तन हुआ?
भारत प्रत्यक्ष रूप से ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया।
विद्रोह के विफल होने का एक कारण:
एकीकृत राष्ट्रीय नेतृत्व व आपूर्ति शृंखला का अभाव था।
किस समूह ने कुछ क्षेत्रों में कंपनी का साथ दिया?
हित-संतुलन के आधार पर कुछ शक्ति-समूह कंपनी-समर्थक रहे।
विद्रोह का एक सामाजिक-धार्मिक आयाम:
कारतूस-प्रकरण ने धार्मिक-चिंताओं को भड़काया।
बेगम हज़रत महल ने किस रियासत का नेतृत्व संभाला?
अवध में संगठित प्रतिरोध में उनकी भूमिका प्रमुख थी।
विद्रोह के बाद सेना-सुधार का एक पहलू:
भविष्य में एकजुट विद्रोह की संभावना घटाने के उपाय हुए।
राष्ट्रीय आंदोलन पर 1857 का दीर्घकालिक असर:
आगे की पीढ़ियों में राष्ट्रीय चेतना को सामग्री मिली।
झांसी की रानी से संबंधित घटना:
रानी लक्ष्मीबाई की वीरता विद्रोह का प्रतीक बनी।
कानपुर के संग्राम में अंग्रेज़ पक्ष का एक नेता:
ब्रिटिश सेनानायक हैवलॉक का नाम कानपुर अभियान से जुड़ा है।
विद्रोह के बाद कौन-सा आश्वासन घोषित किया गया?
क्वीन्स प्रोकेलमेशन में धार्मिक-निरपेक्षता/हित-रक्षा का संकेत था।
विद्रोहियों की रणनीति की एक सीमा:
कंपनी के पास बेहतर संचार/तोपखाना/ट्रेनिंग थी।
1857 को कई इतिहासकार क्या कहते हैं?
स्वतंत्रता और अधिकारों की चाह का व्यापक स्वर उभरा।
अवध के विलय का एक प्रभाव:
तालुकेदार/किसान दोनों के हित प्रभावित हुए।
विद्रोह में संचार-व्यवस्था का कंपनी को लाभ कैसे?
तेज़ संचार से समन्वित दमन-सामर्थ्य मिला।
विद्रोह बाद शिक्षा/प्रेस पर नीति:
आलोचनात्मक अभिव्यक्ति पर पाबंदियाँ कड़ी हुईं।
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