अगर आपने अपनी 12वीं कक्षा कॉमर्स स्ट्रीम से पूरी कर ली है और सोच रहे हैं कि 12th Commerce ke Baad konsa course kare, तो यह पोस्ट आपके लिए है। जिन बच्चों की दिलचस्पी फाइनेंशियल मार्केट, शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स में होती है, वे 12वीं के बाद बैचलर ऑफ फाइनेंशियल मार्केट्स (BFM) का कोर्स चुन सकते हैं।
आज के समय में फाइनेंस मार्केट की अहमियत काफी बढ़ गई है। हर जगह पैसों का हिसाब-किताब और मैनेजमेंट जरूरी है। ऐसे में, BFM एक बेहतरीन करियर विकल्प बनकर उभरा है। तो चलिए, आज हम आपको बताते हैं कि BFM क्या होता है और BFM के बाद करियर के क्या अवसर (After BFM Jobs
) हैं।
BFM (बैचलर ऑफ फाइनेंशियल मार्केट्स) क्या है?
BFM, यानी Bachelor of Commerce in Financial Markets, एक 3 साल का अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है जो छात्रों को फाइनेंस के क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन करवाता है। इस कोर्स के दौरान, छात्र फाइनेंस की अवधारणाओं को गहराई से समझते हैं और उन्हें वास्तविक दुनिया में उपयोग करना सीखते हैं।
BFM में आप कुछ मुख्य विषय पढ़ते हैं, जैसे:
- पोर्टफोलियो मैनेजमेंट (Management Portfolio)
- कॉर्पोरेट फाइनेंस (Corporate Finance)
- वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट (Working Capital Management)
- शेयर बाजार (Share Market)
- म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds)
इनमें से कुछ विषय आप 12वीं कक्षा में पढ़ चुके होते हैं, जिन्हें BFM में और विस्तार से पढ़ाया जाता है। वहीं, कुछ विषय आपके लिए बिल्कुल नए होते हैं, जो इस कोर्स को और भी रोचक बनाते हैं।
BFM करने के लिए योग्यता
- BFM करने के लिए आपका किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है।
- यह जरूरी नहीं है कि आपके पास कॉमर्स ही हो। किसी भी स्ट्रीम (Arts, Commerce, or Science) के छात्र इस कोर्स के लिए योग्य हैं।
- एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन के लिए 12वीं कक्षा में 60% या उससे अधिक अंक होना आवश्यक है।
BFM में एडमिशन प्रक्रिया (Admission Process)
भारत में ज्यादातर कॉलेज 12वीं के अंकों के आधार पर (Merit-Based) एडमिशन देते हैं। वहीं, कुछ प्रतिष्ठित कॉलेज और विश्वविद्यालय एडमिशन के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam) आयोजित करते हैं। कुछ कॉलेजों में इंटरव्यू राउंड भी हो सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जो छात्र एंट्रेंस एग्जाम पास करके एडमिशन लेते हैं, उन्हें प्लेसमेंट के दौरान कंपनियां अधिक महत्व देती हैं और बेहतर सैलरी पैकेज ऑफर करती हैं। इसलिए, हमेशा एक अच्छे कॉलेज से ही BFM कोर्स पूरा करने का प्रयास करें।
कुछ प्रमुख BFM एंट्रेंस एग्जाम:
- Aligarh Muslim University Entrance Exam
- Mumbai University Entrance Test
- Delhi University Arts Exam (DU JAT/CUET)
BFM का सिलेबस (BFM Subjects)
BFM एक 3 साल का कोर्स है, जिसे 6 सेमेस्टर में बांटा गया है। मुख्य विषय इस प्रकार हैं:
BFM Subjects 1st Year
- Micro-Economics 1
- Principles of Investment
- Management Accounting
- Macro-Economics 2
- Principles of Business Management
- Business Environment
- Financial Accounting
- Statistical Applications
- Environment of Financial System
BFM Subjects 2nd Year
- Taxation for Investments
- Debt Markets
- Business Ethics
- Corporate Finance 1
- Equity Market 1
- Business Laws
- Corporate Finance 2
- Equity Market 2
- Organizational Behavior
BFM Subjects 3rd Year
- Foreign Exchange Market
- Corporate Governance
- Computer Applications in Financial Services
- Mutual-fund Market
- Global Capital Markets
- Derivative Markets
- Portfolio Management
- Project 1 & Project 2
BFM के बाद करियर (Jobs after BFM)
फाइनेंशियल मैनेजर और एक्सपर्ट्स की जरूरत हर कंपनी और हर सेक्टर में होती है। BFM की डिग्री पूरी करने के बाद आपके लिए करियर के कई रास्ते खुल जाते हैं। आप इन क्षेत्रों में आसानी से जॉब पा सकते हैं:
- फाइनेंशियल कंसल्टेंट (Financial Consultant): लोगों और कंपनियों को निवेश की सलाह देना।
- स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker): शेयर बाजार में ग्राहकों के लिए शेयर खरीदना और बेचना।
- अकाउंटेंट (Accountant): कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड का प्रबंधन करना।
- टैक्स कंसल्टेंट (Tax Consultant): टैक्स से जुड़े मामलों में सलाह देना।
- बैंकर (Banker): बैंकिंग सेक्टर में विभिन्न भूमिकाएँ।
- एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट मैनेजर (Export-Import Manager): अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के फाइनेंस को मैनेज करना।
- ह्यूमन रिसोर्स (Human Resource): कंपनी के कर्मचारियों के वेतन और वित्तीय लाभों का प्रबंधन।
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BFM के बाद सरकारी नौकरियां
BFM ग्रेजुएट्स के लिए सरकारी क्षेत्र में भी नौकरी के अवसर हैं:
- केंद्र स्तर की नौकरियां (Central Govt. Jobs): आप ग्रेजुएशन के बाद SSC CGL जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं, जो केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में अधिकारियों की भर्ती के लिए होती हैं।
- राज्य स्तर की नौकरियां (State Govt. Jobs): हर राज्य सरकार अपने यहां ग्रेजुएट छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करती है। आप इन परीक्षाओं के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
BFM के बाद आगे की पढ़ाई
अगर आप BFM के बाद अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, तो आपके पास ये बेहतरीन विकल्प हैं:
- चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA): BFM के बाद आप CA कर सकते हैं। इसके लिए आपको IPCC की परीक्षा देनी होगी, 3 साल की आर्टिकलशिप पूरी करनी होगी और फिर फाइनल एग्जाम देना होगा। एक CA की सालाना सैलरी 10 से 20 लाख रुपये तक हो सकती है।
- मास्टर ऑफ कॉमर्स (M.Com): आप फाइनेंस में मास्टर्स डिग्री भी कर सकते हैं। M.Com 2 साल का कोर्स होता है, जिसे आप किसी अच्छे कॉलेज से कर सकते हैं।
- सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (CMA): यह एक प्रोफेशनल कोर्स है, जिसे करने के बाद आपको बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों (MNCs) में आसानी से नौकरी मिल सकती है।