मैनेजमेंट क्या होता है?

कल्पना कीजिए कि एक बड़ी जहाज है जिसे अपनी मंजिल तक पहुंचना है। उस जहाज को सही दिशा में ले जाने, उसकी गति को नियंत्रित करने, सभी कर्मचारियों से सही काम करवाने और तूफानों से बचाने वाले कप्तान का काम ही मैनेजमेंट है।

सरल शब्दों में, मैनेजमेंट एक कंपनी या संगठन को उसके लक्ष्यों (जैसे मुनाफा कमाना, सबसे अच्छी सर्विस देना) तक पहुंचाने के लिए उपलब्ध संसाधनों (जैसे पैसा, कर्मचारी, समय) का सबसे अच्छे तरीके से उपयोग करने की कला और विज्ञान है। मैनेजमेंट में व्यवस्था, ऑर्गेनाइजिंग, लीडिंग, कंट्रोलिंग, और ह्यूमन रिसोर्सेज जैसी चीजें शामिल होती हैं। यह सब जानने के बाद आप किसी भी बिजनेस को अच्छे से चला सकते हैं। मैनेजमेंट कोर्स में आपको इन्हीं सब के बारे में जानकारी दी जाती है कि बिजनेस को कैसे व्यवस्थित ढंग से चलाया जाता है।

Planning (योजना बनाना)

लक्ष्य तय करना और वहां तक पहुंचने का रास्ता बनाना।

Organizing (व्यवस्था करना)

काम और संसाधनों को सही ढंग से बांटना ताकि योजना पर काम हो सके।

Leading (नेतृत्व करना)

टीम को प्रेरित करना और उनका मार्गदर्शन करना ताकि सब मिलकर लक्ष्य की ओर बढ़ें।

Controlling (नियंत्रण करना)

यह सुनिश्चित करना कि सब कुछ योजना के अनुसार हो रहा है और गलतियों को सुधारना।

12वीं के बाद मैनेजमेंट कोर्स (Undergraduate Courses)

अगर आपने 12वीं पास कर ली है (किसी भी स्ट्रीम से), तो आप मैनेजमेंट में अपना करियर शुरू करने के लिए इन बेहतरीन अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्सेज में से चुन सकते हैं।

1. Bachelor of Business Administration (BBA)

मैनेजमेंट की फील्ड में यह सबसे लोकप्रिय और व्यापक कोर्स है। इस कोर्स में आपको बिजनेस मैनेजमेंट की सभी बुनियादी जानकारी दी जाती है, जो इसे MBA के लिए एक मजबूत नींव बनाता है।

अवधि3 साल
योग्यता12वीं पास (किसी भी स्ट्रीम से)
अनुमानित फीस₹1 लाख - ₹8 लाख
शुरुआती सैलरी₹3 - ₹6 लाख प्रति वर्ष

टॉप करियर ऑप्शन: मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, ब्रांच मैनेजर, HR एग्जीक्यूटिव, बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव। TCS, Infosys, और बैंकिंग सेक्टर जैसी कंपनियों में BBA ग्रेजुएट्स की काफी मांग है।

यह भी पढ़ें: BBA क्या है और कैसे करें?

2. Bachelor of Management Studies (BMS)

यह कोर्स BBA की तरह ही है, लेकिन इसका फोकस एनालिटिकल और लॉजिकल स्किल्स पर थोड़ा अधिक होता है। यह आपको डेटा-ड्रिवन मैनेजमेंट के लिए तैयार करता है।

अवधि3 साल
योग्यता12वीं पास (आमतौर पर मैथ्स जरूरी)
अनुमानित फीस₹1 लाख - ₹5 लाख
शुरुआती सैलरी₹3 - ₹5.5 लाख प्रति वर्ष

टॉप करियर ऑप्शन: बिजनेस एनालिस्ट, ऑपरेशंस मैनेजर, रिलेशनशिप मैनेजर, कंसल्टेंट।

3. Integrated BBA + MBA (IPM)

यह एक प्रीमियम 5-वर्षीय कोर्स है जो 12वीं के बाद सीधे IIMs जैसे टॉप संस्थानों में एडमिशन का मौका देता है। इसमें आपको BBA और MBA की डिग्री एक साथ मिलती है, जिससे आपका समय बचता है और आपको एक बेहतरीन करियर लॉन्चपैड मिलता है।

अवधि5 साल
योग्यता12वीं पास (अच्छे अंकों के साथ)
अनुमानित फीस₹20 लाख - ₹30 लाख (पूरे कोर्स की)
शुरुआती सैलरी₹15 - ₹25 लाख प्रति वर्ष

टॉप करियर ऑप्शन: मैनेजमेंट कंसल्टेंट, प्रोडक्ट मैनेजर, इन्वेस्टमेंट बैंकर, मार्केटिंग हेड।

4. Bachelor of Hospitality Management (BHM)

यह कोर्स होटल, रिसॉर्ट, एयरलाइंस और इवेंट मैनेजमेंट इंडस्ट्री के लिए स्पेशलाइज्ड मैनेजर्स तैयार करता है। अगर आपकी रुचि सर्विस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में है, तो यह एक शानदार विकल्प है।

अवधि3 - 4 साल
योग्यता12वीं पास (किसी भी स्ट्रीम से)
अनुमानित फीस₹2 लाख - ₹6 लाख
शुरुआती सैलरी₹3 - ₹5 लाख प्रति वर्ष

टॉप करियर ऑप्शन: होटल मैनेजर, इवेंट मैनेजर, शेफ, एयरपोर्ट मैनेजर, ट्रैवल काउंसलर। Taj Hotels, ITC, Lemon Tree, और Oberoi जैसे बड़े ग्रुप्स में जॉब मिलती है।

5. Bachelor in Sports Management (BSM)

अगर आपकी रूचि स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में है तब आप बीएमएस कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स खेल टीमों, इवेंट्स और संस्थाओं को मैनेज करने पर केंद्रित है। IPL जैसी लीग्स के आने से इस फील्ड में करियर की संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं।

अवधि3 साल
योग्यता12वीं पास
अनुमानित फीस₹2 लाख - ₹4 लाख
शुरुआती सैलरी₹3 - ₹6 लाख प्रति वर्ष

टॉप करियर ऑप्शन: स्पोर्ट्स टीम मैनेजर, इवेंट मैनेजर, स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट, स्पोर्ट्स मार्केटिंग मैनेजर।

ग्रेजुएशन के बाद मैनेजमेंट कोर्स (Postgraduate Courses)

अगर आपके पास पहले से ही किसी भी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री है, तो ये मास्टर डिग्री और डिप्लोमा कोर्स आपके करियर को एक नई दिशा और रफ्तार दे सकते हैं।

6. Master of Business Administration (MBA)

एमबीए एक मास्टर डिग्री है और पूरी दुनिया में मैनेजमेंट की सबसे प्रतिष्ठित योग्यता मानी जाती है। यह 2 साल का कोर्स आपको सीनियर मैनेजमेंट भूमिकाओं के लिए तैयार करता है और आपकी सैलरी में कई गुना वृद्धि कर सकता है।

अवधि2 साल
योग्यताग्रेजुएशन (किसी भी विषय में)
अनुमानित फीस₹5 लाख - ₹25 लाख+
अनुभवी की सैलरी₹12 - ₹30+ लाख प्रति वर्ष

टॉप करियर ऑप्शन: मैनेजमेंट कंसल्टेंट, मार्केटिंग हेड, फाइनेंस मैनेजर, प्रोडक्ट मैनेजर। Apple, Amazon, Microsoft, TATA जैसी सभी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में MBA की भारी मांग है।

7. Post Graduate Diploma in Management (PGDM)

यह कोर्स MBA के बराबर ही है, लेकिन इसका सिलेबस इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से ज्यादा फ्लेक्सिबल और अपडेटेड होता है। कई टॉप प्राइवेट बी-स्कूल (जैसे XLRI, MDI) MBA की जगह PGDM ही ऑफर करते हैं।

अवधि2 साल
योग्यताग्रेजुएशन
अनुमानित फीस₹5 लाख - ₹25 लाख+
अनुभवी की सैलरी₹12 - ₹30+ लाख प्रति वर्ष

यह भी पढ़ें: PGDM क्या है और MBA से कैसे अलग है?

8. Master in Hospital Management (MHM)

आज के समय में प्राइवेट हॉस्पिटल काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और इन्हें मैनेज करने के लिए MHM कैंडिडेट की मांग भी बढ़ रही है। यह 2 साल का स्पेशलाइज्ड कोर्स आपको हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए तैयार करता है।

अवधि2 साल
योग्यताग्रेजुएशन
अनुमानित फीस₹2 लाख - ₹5 लाख
शुरुआती सैलरी₹4 - ₹8 लाख प्रति वर्ष

टॉप करियर ऑप्शन: हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, बिजनेस मैनेजर, हेल्थकेयर कंसल्टेंट। Fortis, Apollo, Max जैसे बड़े हॉस्पिटल्स में जॉब मिलती है।

9. Master in Computer Management (MCM)

अगर आप ग्रेजुएशन के बाद कंप्यूटर और मैनेजमेंट की फील्ड में रुचि रखते हैं तब आपके लिए यह कोर्स अच्छा साबित हो सकता है। यह कोर्स IT प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, सिस्टम एनालिसिस और टेक्नोलॉजी कंसल्टेंसी पर केंद्रित है।

अवधि2 साल
योग्यताग्रेजुएशन
अनुमानित फीस₹1 लाख - ₹4 लाख
शुरुआती सैलरी₹4 - ₹7 लाख प्रति वर्ष

टॉप करियर ऑप्शन: आईटी मैनेजर, सिस्टम एनालिस्ट, सॉफ्टवेयर डेवलपर (मैनेजेरियल ट्रैक), डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर।

10. Diploma in Business Management

जो कैंडिडेट अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद और ज्यादा पढ़ाई नहीं करना चाहते तो उनके लिए यह शॉर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स है। यह 1 साल का कोर्स होता है जो आपको बिजनेस मैनेजमेंट की बेसिक स्किल्स सिखाता है।

अवधि1 साल
योग्यताग्रेजुएशन
अनुमानित फीस₹50,000 - ₹1.5 लाख
शुरुआती सैलरी₹3 - ₹5 लाख प्रति वर्ष
एक जरूरी सलाह: जैसा कि आपने सही कहा, हर कंपनी को एक मास्टर कैंडिडेट चाहिए होता है। डिप्लोमा कोर्स की जगह मास्टर डिग्री (MBA/PGDM) करना हमेशा बेहतर होता है, क्योंकि मास्टर डिग्री वाले कैंडिडेट की मांग और सैलरी दोनों ही डिप्लोमा वाले कैंडिडेट से बहुत ज्यादा होती है।