परमाणु संरचना के पिछले लेख में जाना था कि बोर का परमाणु मॉडल क्या था और कैसे इसने रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की कमियों को दूर किया। आज के इस
रदरफोर्ड के अल्फा किरण प्रयोग के बाद कुछ सालों तक इस परमाणु संरचना मॉडल को माना गया। लेकिन समय के साथ जब नई चीजों की खोज हुई वह रदरफोर्ड के
1897 के समय तक परमाणु की संरचना समझने के लिए डाल्टन एटॉमिक थ्योरी का इस्तेमाल किया जा रहा था। डाल्टन थ्योरी को लगभग डेढ़ सौ साल तक माना गया लेकिन
11वीं कक्षा में केमिस्ट्री के मुख्य सब्जेक्ट में परमाणु संरचना होती है। जिसमें अलग-अलग एटॉमिक मॉडल को पढ़ाना होता है। पहले हमने थॉमसन के परमाणु मॉडल की बात की थी।