कक्षा ग्यारहवीं की केमिस्ट्री काफी रोचक होती है क्योंकि इसमें हम विभिन्न नए विषयों को जानते हैं जो हमारा कैमिस्ट्री को पढ़ने का नजरिया बदल देते हैं। शुरुआती विषयों में हमने जाना की इलेक्ट्रॉन की खोज कैसे हुई और परमाणु संरचना जिसमें थॉमसन, रदरफोर्ड और नील्स बोर का परमाणु मॉडल देखा। इसके बाद तत्वों के वर्गीकरण को पढ़ा। आज के इस लेख से हम रासायनिक आबंधन और आण्विक संरचना को शुरू करेंगे।

रासायनिक बंध किसे कहते हैं?

अगर बिल्कुल सरल भाषा में बात करें तो जब दो या दो से अधिक परमाणु एक साथ मिलते हैं तो वह रासायनिक बंध का निर्माण करते हैं। उदाहरण के लिए सोडियम क्लोरीन से मिलकर सोडियम क्लोराइड (खाने का नमक) यौगिक का निर्माण करता है। अन्य रासायनिक बंध के द्वारा बनी हुई यौगिक है: H2O, CH4, KMnO4

रासायनिक बंध बनने का कारण

अष्टक पूर्ण करने के लिए: अगर सामान्य तौर पर देखें तो यह माना जाता है कि परमाणु अपना अष्टक (octet) पूरा करने के लिए रासायनिक बंध का निर्माण करता है। उदाहरण के लिए जल को देखें जिसका रासायनिक अभिक्रिया सूत्र H2O होता है।

H2O दो तरह के परमाणु से मिलकर बना हुआ है ऑक्सीजन (O) और हाइड्रोजन (H)। ऑक्सीजन के अंतिम कक्ष में 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं यानी इसे अष्टक पूरा (8 e‐) करने के लिए दो इलेक्ट्रॉन की जरूरत होती है। वही हाइड्रोजन के कक्ष में एक अकेला इलेक्ट्रॉन होता है यानी इसे अपना अष्टक पूरा करने के लिए एक अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है। अगर 2 हाइड्रोजन और एक ऑक्सीजन परमाणु आपस में रासायनिक बंध का निर्माण करते हैं तो दोनों के अष्टक पूरा कर स्थिर हो सकते हैं।

जैसे कार्बन का उदाहरण ले तो इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2,4) होता है क्योंकि इसका परमाणु क्रमांक 6 होता है। अब कार्बन को अपना अष्टक पूरा करने के लिए चार अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है इसी कारण वह हाइड्रोजन से चार बंध का निर्माण करता है और अपना अष्टक पूरा करता है। क्योंकि हाइड्रोजन को अपना अष्टक पूरा करने के लिए एक अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है।

” यह माना जाता है कि सभी परमाणु अपने अष्टक को पूरा करने के लिए लगे रहते हैं इसीलिए वह रासायनिक बांधों का निर्माण करते हैं। “

अगर दो हाइड्रोजन परमाणु के बीच में देखे तो यह H2 के रूप में रहते हैं। क्योंकि प्रत्येक हाइड्रोजन परमाणु को एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है जिससे वह अपना अष्टक पूरा कर सके। इसी कारण 2 हाइड्रोजन परमाणु आपस में अपने एक-एक इलेक्ट्रॉन को साझा करते हैं और रासायनिक बंध का निर्माण करते है। इससे इन दोनों के अष्टक पूरे हो जाते हैं और इन इलेक्ट्रॉन को साझेदारी के इलेक्ट्रोंस (shared electrons ) कहा जाता है। इस रासायनिक बंध को सहसंयोजी रासायनिक बंध (Covalent bond ) कहा जाता है।

ऊर्जा मुक्त करने के लिए: परमाणुओं के बीच रासायनिक बंध बनने का मुख्य कारण ऊर्जा मुक्त को भी माना जाता है। क्योंकि जब भी दो परमाणु के बीच में आकर्षण होता है तो ऊर्जा मुक्त अर्थात बाहर निकलती है और स्थायित्व (stability) प्राप्त होती है। इस ब्रह्मांड में जिस भी चीज की ऊर्जा कम है वह स्थिर है। और जैसा कि हमने पिछले कारण में भी देखा कि परमाणु अपने अष्टक को पूरा इसलिए करते हैं ताकि वह स्थायित्व प्राप्त कर सके।

इस बात को याद रखें कि हर एक परमाणु खुद को स्थिर करना चाहता है और यह तभी होगा जब उसके पास काम से कम ऊर्जा होगी। तो अंत में रासायनिक बंध बनने के कारण का सार देखें तो यह दो बिंदू में देखा जा सकता है:

  • दो या दो से अधिक परमाणु अपने अष्टक को पूरा करने के लिए रासायनिक बंध का निर्माण करते हैं।
  • रासायनिक बंध बनने के लिए आकर्षक होता है और आकर्षक से ऊर्जा मुक्त होती है; जिससे कि परमाणु स्थायित्व प्राप्त करता है।

कौन सा बल 2 परमाणुओं को एक साथ रखता है?

ध्यान दे (+,+) और (-,-) प्रतिकर्षण (repulsion) करते हैं यानी यह एक दूसरे से दूर भागते हैं; वही (+,-) आकर्षक (attraction) करते हैं यानी एक दूसरे के पास आते हैं।

अगर दो हाइड्रोजन का उदाहरण ले (सरलता के लिए एक हाइड्रोजन को हम A हाइड्रोजन कहेंगे और दूसरे को B हाइड्रोजन कहेंगे।) तो इन दोनों में कौन-कौन से बल संभव हो सकते हैं। इनमें कुल चार बाल संभव है:

  • A हाइड्रोजन के नाभिक ( जोकि धणात्मक है , + ) और B हाइड्रोजन के इलेक्ट्रॉन ( जोकि ऋणात्मक है, – ) के बीच में आकर्षण होगा।
  • B हाइड्रोजन के नाभिक और A हाइड्रोजन के इलेक्ट्रोंस के बीच में आकर्षण।
  • A हाइड्रोजन के इलेक्ट्रॉन और B हाइड्रोजन के इलेक्ट्रॉन के बीच प्रतिकर्षण।
  • A हाइड्रोजन के नाभिक और B हाइड्रोजन के नाभिक के बीच में प्रतिकर्षण ।

शुरुआत में दोनों हाइड्रोजन के परमाणु अंनत (infinity) पर पड़े हुए हैं। और हम मान रहे हैं की शुरुआत में आकर्षण बल प्रतिकर्षण बल से ज्यादा होगा; जिसके कारण यह दोनों हाइड्रोजन परमाणु पास आएंगे। क्योंकि आकर्षक होने से ऊर्जा की मुक्ति होती है जिससे स्थायित्व प्राप्त होती है। लेकिन अगर यह पास-पास ही आते रहे तो एक समय आने पर यह एक दूसरे में धस (mix) जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं होता। तो एक समय सीमा आने पर प्रतिकर्षण बल- आकर्षण बल से ज्यादा हो जाएगा और यह पास आना रुक जाते हैं। क्योंकि प्रतिकर्षण से ऊर्जा बढ़ती है और जिससे अस्थायित्व (unstability) बढ़ेगी।

इस समय पर यह परमाणु अपनी क्षमता के अनुसार अधिकतम पास आ चुके होते हैं; यहां पर रासायनिक बंध का निर्माण होता है। और इस समय दोनों हाइड्रोजन के नाभिक की दूरी बंध लंबाई (Bond Length) कहलाती है। और यह रासायनिक बंध बनते समय जितनी ऊर्जा कम हुई है; इसे बंद ऊर्जा (Bond Energy) कहते हैं।

रासायनिक बंध के प्रकार ( Types of chemical bond in Hindi)

रासायनिक बांधों के प्रकार दो चीजों पर निर्भर करते हैं पहले परमाणुओं के मध्य बंध और दूसरा अणु के मध्य बंध। जो बंध परमाणुओं के मध्य बनता है उनके उदाहरण है:

  • आयनिक बंध : दो या दो से अधिक आयनो के मध्य बनने वाला बंध आयनिक बंध होता है। इन दो आयनो में एक धणायन और एक ऋणायन होता है। तत्व जो इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं वह धणायन बनाते हैं और जो तत्व इलेक्ट्रॉन का ग्रहण करते हैं वह ऋणायन बनाते हैं। उदाहरण के लिए सोडियम एक इलेक्ट्रॉन छोड़ता है और सोडियम धणायन (Na+) बनता है और क्लोरीन एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है और क्लोरीन ऋणायन (Cl) बनाता है। इसके बाद धणायन और ऋणायन आपस में मिलकर आयनिक बंध के माध्यम से आयनिक यौगिक (NaCl) का निर्माण करते हैं।
  • सहसंयोजी बंध: जब सम्मान प्रकार के परमाणु अपने इलेक्ट्रॉन को सांझा करके बंध बनाते हैं तो उसे सहसंयोजक बंध रहते हैं। उदाहरण के लिए H2, Cl2 में सहसंयोजक बंध होता है। यह भी आगे तीन तरह का होता है: एकल बंध, द्विबंध, त्रिबंध।
  • धात्विक बंध: जब एक जैसे या अलग-अलग धातु के परमाणु के बीच में बंध बनता है तो वह धात्विक बंध कहलाता है।
  • उपसहसंयोजी बंध: इसमें एक परमाणु का अष्टक पूरा होता है और दूसरे परमाणु का अष्टक पूरा करने के लिए वह अपने अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन दान कर देता है। उदाहरण के लिए [NH3 -> H+]

अणुओं के मध्य बल के से दो प्रकार के रासायनिक बंध बनते हैं:

  • H-बंध: हाइड्रोजन जलीय विलय में फ्लोरीन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के साथ यह बंध बनता है।
  • वंडरवॉल बल

परमाणुओं के बीच बनने वाले बंध प्रबल (मजबूत) होते हैं वहीं अणुओं के बीच में बनने वाले बंध दुर्लभ (कमजोर) होते हैं।

NaCl में रासायनिक आबंधन होता है?

NaCl में आयनिक रासायनिक बंधन होता है क्योंकि Na एक इलेक्ट्रॉन छोड़कर Na+ आयन बनाता है और क्लोरीन एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके Cl आयन बनाता है। अंत में यह दोनों आयन आयनिक बंध के माध्यम से NaCl का निर्माण करते है।

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