जब दो या दो से अधिक पदार्थ मिलाकर एक या एक से अधिक नए गुणधर्म वाले पदार्थ का निर्माण करते हैं यह रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है। उदाहरण के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर पानी का निर्माण करते हैं यह एक रासायनिक अभिक्रिया है।

H (हाइड्रोजन गैस) + O2 (ऑक्सीजन गैस) -> H2O (हाइड्रोजन ऑक्साइड, पानी)

रासायनिक अभिक्रिया के लक्षण

  • अवस्था में परिवर्तन: जैसे ऊपर पानी वाले उदाहरण में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस थी; जो की मिलकर पानी बन गया जो की एक तरफ पदार्थ है तो अवस्था में परिवर्तन आ गया।
  • रंग में परिवर्तन: कुछ अभिक्रिया होती है जो पूरी होने के बाद रंग में बदलाव कर देती है जैसे: पोटेशियम परमैग्नेट (KMnO4) और शुगर (ग्लूकोस)। शुरुआत में पोटैशियम परमैग्नेट पानी में बैगनी रंग की होती है वही ग्लूकोस के साथ रासायनिक अभिक्रिया होने के बाद इसका रंग बैंगनी से भूरा हो जाता है।
  • तापमान में परिवर्तन: गैस और तरल पदार्थ का तापमान अलग-अलग होता है। जब तरल पदार्थ से गैस या गैस से तरल पदार्थ बनता है तो तापमान में परिवर्तन आ जाता है।
  • गैस का उत्सर्जन: जैसे पानी वाले उदाहरण में दो गैस निकाल गई। और तरल पदार्थ का निर्माण हुआ।

दैनिक जीवन में होने वाली रासायनिक अभिक्रिया

  • भोजन का पचना
  • लोहे पर जंग लगना
  • दही का बनना

रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार

  • संयोजन अभिक्रिया (कांबिनेशन रिएक्शन): इसमें दो छोटे-छोटे तत्व मिलकर एक बड़े यौगिक का निर्माण करते हैं। जिसके गुण तत्वों से भिन्न होंगे।

C (कार्बन) + O2 (ऑक्सीजन) -> CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड)
CaO (कैल्शियम ऑक्साइड) + CO2 -> CaCO3 (कैल्शियम कार्बोनेट, संगमरमर)

  • वियोजन अभिक्रिया (डीकंपोजिशन रिएक्शन): इसमें एक बड़ा योग दो छोटे-छोटे तत्वों में टूट जाएगा। संयोजन अभिक्रिया के विपरीत होती है।

CaCO3 (गर्म करने पर) -> गर्म करने पर CaO +CO2
2FeSO4 ->
Fe2O3 + SO2 + SO3

  • विस्थापन अभिक्रिया (डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन): इसमें एक यौगिक अपने आयनों का विस्थापन करके नए यौगिक का निर्माण करता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में क्लोरीन अपने आयन हाइड्रोजन का विस्थापन करके सोडियम के साथ नया यौगिक बना रहा है।

2Na + 2HCl -> 2NaCl + H2
M + AB -> MB + A (M= कोई धातु, A,B = अधातु)

  • व्दिविस्थापन अभिक्रिया (डबल डिस्प्लेसमेंट रिएक्श): इसमें दो यौगिक अपने आयनों का विस्थापन करके नए यौगिक को का निर्माण करते हैं।

BaCl2 + Na2SO4 -> BaSO4 + 2NaCl
(+) (-) (+) (-)

इसे ऐसे याद कर सकते हैं कि बेरियम (Ba) पर धनावेशित आवेश है, क्लोरीन पर ॠणावेशित आवेश है। तो जब नए यौगिक का निर्माण होगा Ba दूसरे यौगिक के ॠणावेशित आयन जो SO4 होगा उसके साथ जाएगा। और क्लोरीन दूसरे यौगिक के धनावेशित आयन के साथ जाएगा।

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  • प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया (फोटोकेमिकल रिएक्शन): यहां पर प्रकाश का मतलब है सूरज। यदि कोई अभिक्रिया प्रकाश की उपस्थित में हो रही है वह फोटोकेमिकल रिएक्शन कहलाती है।

H2 + Cl2 (सूरज का प्रकाश) -> 2HCl

2AgCl -> 2Ag + Cl2

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  • उदासीनीकरण अभिक्रिया (न्यूट्रलाइजेशन रिएक्शन): इसमें अम्ल और क्षार आपस में अभिक्रिया करके जल बना देते हैं। और जल एक उदासीन तत्व है।

HX (अमल) + MOH (क्षार) -> MX (लवण) + H2O
HCl + NaOH -> NaCl + H2O

  • विद्युतअपघटन अभिक्रिया (इलेक्ट्रोलिसिस रिएक्शन): यदि कोई योगिक जल में विद्युत धारा की वजह से आयन में टूट रहा है। तो इस अभिक्रिया को विद्युतअपघटन अभिक्रिया कहेंगे।

NaCl (विद्युत धारा / H2O) -> Na+ + Cl

ZnSO4 (विद्युत धारा / H2O) -> Zn2+ + SO4-2

  • अवक्षेपन अभिक्रिया ( रेसिपिटेशन रिएक्शन): अगर किसी यौगिक को जल में डालने पर वह अलग पदार्थ में बिखर जाता है तो वह अवक्षेपन पर अभिक्रिया कहलाती है। अगर जल में अभिक्रिया के कारण कोई ठोस पदार्थ नीचे बैठ चुका है वह (रस्सीपेटेंट) कहलाता है।इसको “↓” से दर्शाते हैं ।

NaCl + AgNO3 -> AgCl (↓) + NaNO3
BaCl2 + Na2SO4 -> BaSO4 (↓) + 2NaCl

  • ऑक्सीकरण अभिक्रिया (ऑक्सीडेशन रिएक्शन): इस तरह की अभिक्रिया में ऑक्सीजन जुड़ता है और हाइड्रोजन निकल जाता है। अर्थात ऑक्सीजन का संयोग और हाइड्रोजन का निष्कासन होता है। उदाहरण के लिए पहले कॉपर के साथ ऑक्सीजन नहीं था। लेकिन बाद में ऑक्सीकरण अभिक्रिया के कारण कॉपर के साथ ऑक्सीजन का संयोग हो गया। तो यहां पर कॉपर का ऑक्सीडेशन हो रहा है।

2Cu + O2 -> 2CuO

  • अवकरण अभिक्रिया (रिडक्शन रिएक्शन): यह अभिक्रिया ऑक्सीकरण के विपरीत है इसमें हाइड्रोजन का संयोग होता है और ऑक्सीजन का निष्कासन होता है। उदाहरण के लिए कॉपर ऑक्साइड में से ऑक्सीजन का निष्कासन हुआ। और हाइड्रोजन के साथ पहले ऑक्सीजन नहीं था लेकिन बाद में ऑक्सीजन जुड़ गया यानी यहां पर ऑक्सीकरण हो रहा है। ऐसी अभिक्रिया जहां पर एक ही समय पर ऑक्सीडेशन और रिडक्शन हो रहा है वह ” रेडॉक्स रिएक्शन ” कहलाती है।

CuO + H2 -> Cu + H2O

  • ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (एग्जॉथर्मिक रिएक्शन): ऊष्माक्षेपी का मतलब ऊष्मा बाहर निकलना। यानी जब अभिक्रिया के बाद कोई उत्पाद बनेगा तो उसके साथ ऊष्मा (एनर्जी) बाहर निकलेगी।

C + O2 -> CO2 + ऊष्मा (एनर्जी)
CH4 + 2O2 -> CO2 + 2H2O + ऊष्मा (एनर्जी)

  • ऊष्माशोपी अभिक्रिया (एंडॉथर्मिक रिएक्शन): यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी के विपरीत है। इसमें उत्पाद बनने के लिए ऊष्मा यानी एनर्जी का उपयोग होता है।

N2 + O2 + ऊष्मा -> 2NO

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यह विभिन्न तरह की रासायनिक अभिक्रिया है जो अलग-अलग पदार्थों और परिस्थितियों में होती है। हमें आशा है कि हमारा यह लेख रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं कितने प्रकार की होती है आपको समझ आया होगा। इसके अलावा अगर आप कुछ पूछना चाहते हो हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। 11वीं केमिस्ट्री से जुड़े विभिन्न विषयों को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर बनए रहे।

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