पीरियोडिक टेबल में हाइड्रोजन सबसे हल्का तत्व है जिसकी परमाणु संख्या एक है और जिसका एटॉमिक वेट यानी परमाणु भार 1.008 है। हाइड्रोजन की खासियत यह है कि यह ब्रह्मांड में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। सूरज का आधे से ज्यादा बाग हाइड्रोजन गैस से बना हुआ है। हाइड्रोजन के तीन आइसोटोप होते हैं जिसमें से प्रोटियम नामक आइसोटोप में एक प्रोटोन होता है और कोई भी न्यूट्रॉन नहीं होता है।
हाइड्रोजन क्या है?
केमिकल फार्मूला | H₂ |
अटामिक नंबर | 1 |
अटामिक मास | 1.008 AU |
ब्लॉक | S ब्लॉक |
आइसटोप | 3 – प्रोटियम (Protium) – डीटीरियम (Deuterium) – ट्रीटीयम (Tritium) |
हाइड्रोजन में दो अणुओं का समूह होता है जो एक साथ हाइड्रोजन बांड के माध्यम से बंदे होते हैं। हाइड्रोजन गैस का केमिकल फार्मूला “H₂” होता है। हाइड्रोजन गैस इनर्ट और एकआणविकष्ट है। इस गैस की कोई भी सुगंध और रंग नहीं होता यह सबसे सामान्य तत्व कहलाता है और इसके अनु काफी सरल होते हैं क्योंकि इसमें केवल एक प्रोटोन और एक इलेक्ट्रॉन होता है। 1766 में हाइड्रोजन की खोज हुई थी जिसका नाम 1783 में पड़ा था।
हाइड्रोजन शब्द ग्रीक शब्द से आया है जिसको दो भागों में बांटा जा सकता है: हाइड्रो और जेनस। हाइड्रो का मतलब होता है पानी और जेनस का मतलब होता है बनाने वाला। क्योंकि पानी से ही हाइड्रोजन की उत्पत्ति होती है तो पानी को ही हाइड्रोजन बनाने वाला कहा जाता है।
हाइड्रोजन इन हिन्दी
हाइड्रोजन परियोडिक टेबल में सबसे पहले स्थान पर आता है। यह सबसे हल्का तत्व है इसी कारण से यह वायुमंडल में सबसे ऊपरी भाग में पाया जाता है। इसलिए यह निचले वातावरण में अपने शुद्ध रूप में काफी कम मिलता है।
हाइड्रोजन गैस हमारे ब्रह्मांड में सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व है और यह सूरज में हाइड्रोजन की विभिन्न प्रकारों के विलयन से उत्पन्न होता है, जिससे विभिन्न शक्तिशाली प्रकार का ऊर्जा उत्पन्न होता है।
हाइड्रोजन का सूत्र क्या है?
हाइड्रोजन का केमिकल सूत्र H होता है लेकिन यह वातावरण में H2 की फॉर्म में पाया जाता है।
हाइड्रोजन की खोज किसने की थी और कब
16 वीं शताब्दी में पहली बार धातुओं पर एसिड (अम्ल) की रिएक्शन के जरिए हाइड्रोजन बना था। Henry canvendish जिन्होंने 1766 ईस्वी में हाइड्रोजन की खोज की थी और ठोस पदार्थ के रूप में मान्यता दी थी।
हाइड्रोजन के गुण
हाइड्रोजन सबसे हल्की और ज्वलनशील गैस है जो अलग-अलग तापमान पर दूसरे तत्वों के साथ विभिन्न तरह के कंपाउंड बनाती है। हाइड्रोजन बनने की यह केमिकल रिएक्शन होती है:
2H2 (g) + O2 (+) = 2 H2O (l) + 572 KJ
जब शुद्ध हाइड्रोजन बनती है तो यह अल्ट्रावॉयलेट लाइट का उत्सर्जन करती है जो कि गहरे नीले रंग में होती है और ऑक्सीजन के मिलने के बाद यह गैस नग्न आंखों से नहीं देखी जाती और जिसे देखने के लिए डिटेक्टर की जरूरत पड़ती है।
हालांकि हाइड्रोजन गैस का काफी ज्वलनशील गैस होती है लेकिन यह एक प्रतिक्रिया गैस (reactive) नहीं है जिसका मतलब है कि यह आसानी से किसी भी तत्व के साथ रिएक्शन नहीं करती जिसका कारण H-H यानी हाइड्रोजन बॉन्ड है।
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हाइड्रोजन ईंधन शुद्ध कैसे हैं?
जब भी हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में डाला जाता है तो इसके अपशिष्ट (waste product) के रूप में सिर्फ पानी निकलता है और किसी भी तरह की हानिकारक गैस का उत्सर्जन नहीं होता है।
हाइड्रोजन गैस कई घरेलू उपयोग से निकलती है जैसे कि प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा, बायोमास, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे: सोलर पावर, विंड पावर जिसकी वजह से यह सब से आकर्षित ईंधन के रूप में स्थापित हो रहा है।
हाइड्रोजन गैस कैसे बनती है
हाइड्रोजन गैस का उत्पादन मुख्य दो तरह से हो सकता है बायोलॉजिकल और केमिकल (रसायनिक) बायोलॉजिकल की बात करें तो इसमें बायोमास यानी खेती के अवशेष और वन के बचे हुए अवशेष से हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सकता है। और अगर रसायनिक तरीकों की बात करें तो हाइड्रोजन की प्राप्ति के लिए सबसे लोकप्रिय रसायनिक तरीके हैं।
- थर्मल प्रोसेस: हाइड्रोजन की उत्पादन के लिए थर्मल प्रोसेस में भाप बनाना शामिल होता है। इसमें तापमान का इस्तेमाल करके हाइड्रोकार्बन की भाप के साथ रिएक्शन की जाती है। जिससे हाइड्रोजन गैस मिलती है। इस प्रक्रिया में विभिन्न तरह के हाइड्रोकार्बन का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे: नेचुरल गैस, डीजल, लिक्विड फ्यूल, कोयल, बायोमास। लगभग 90% से ज्यादा हाइड्रोजन इसी प्रक्रिया से बनाया जाता है।
- इलेक्ट्रोलिसिस: इस प्रक्रिया के माध्यम से पानी को दो भागों में बांट दिया जाता है जिसमें एक हाइड्रोजन होता है दूसरा ऑक्सीजन। यह प्रक्रिया एक इलेक्ट्रोलाइजर में होती है लेकिन इसमें हाइड्रोजन भाग को बड़े लेवल पर सुरक्षित नहीं किया जा सकता है।
- सोलर प्रोसेस:
- बायोलॉजिकल प्रोसेस: इस प्रक्रिया में बैक्टीरिया और माइक्रोसैल का इस्तेमाल करके बायोलॉजिकल रिएक्शन के जरिए हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है।
हाइड्रोजन गैस के नुकसान क्या है?
- क्योंकि यह गैस की कोई गंध नहीं होती और यह काफी ज्वलनशील गैस होती है तो इसकी लीकेज के कारण विस्फोट होने का खतरा बना रहता है।
- हाइड्रोजन गैस काफी कम मात्रा में पाया जाता है जिसके कारण यह काफी महंगी गैस होती है जो हर कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
- ज्यादातर हाइड्रोजन जीवाश्म ईंधन द्वारा बनाई जाती जिसमें नेचुरल गैस शामिल है जिसे ग्रीनहाउस और क्लाइमेट चेंज जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। इलेक्ट्रोलिसिस से बनने वाली हाइड्रोजन काफी कम मात्रा में होती है।
- हाइड्रोजन सबसे हल्का तत्व है और जिसकी घनत्व काफी कम होती है जिससे इस को सुरक्षित और इकट्ठा करके रखना काफी मुश्किल है जिसके लिए हाई प्रेशर Cryogenic टैंक की जरूरत पड़ती है।
हाइड्रोजन के उपयोग
हाइड्रोजन जीरो उत्सर्जन वाला इंधन है जो कोई भी हानिकारक अपशिष्ट नही छोड़ता जिससे कोई भी वातावरण प्रदूषण नहीं होता। इसलिए हाइड्रोजन ईंधन को भविष्य का इंधन भी कहा जाता है हाइड्रोजन ईंधन का इस्तेमाल अब ट्रांसपोर्ट व्हीकल जैसे: कार, बस और अंतरिक्ष यानों के लिए ईंधन के रूप में भी होने लगा है।
- शुद्ध ऊर्जा: हाइड्रोजन एक शुद्ध ईंधन के रूप में देखा जाता है जिसमें अपशिष्ट के रूप में सिर्फ पानी निकलता है।
- ट्रांसपोर्टेशन: वाहनों में ईंधन के लिए उपयोग किया जाता है जिससे डीजल और पेट्रोल से होने वाले प्रदूषण कम होता है क्योंकि इसमें अपशिष्ट के रूप में पानी और गर्मी निकलती है।
- इंडस्ट्रियल प्रोसेस: में इसका इस्तेमाल रिफायनिंग, प्रोडक्शन और केमिकल मैन्युफैक्चरिंग में किया जाता है।
- हाइड्रोजेनेशन: में अनसैचुरेटेड फैट्स को स्थिर फैट्स में बदला जाता है जो कि फूड इंडस्ट्री में उपयोग में लिया जाता है।
- अंतरिक्ष यान: तरल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को स्पेस मिशन के दौरान रॉकेट प्रोप्लेनेट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह उच्च ऊर्जा का अच्छा स्त्रोत है।
- वेल्डिंग: इंडस्ट्रीज में धातु की वेल्डिंग और कटाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
हमें आशा है कि हमारा इस लेख Hydrogen gas kya hai? के माध्यम से आपको पूर्ण जानकारी मिल गई होगी। इसके अलावा अगर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।