ऑपरेटिंग सिस्टम के मेमोरी मैनेजमेंट विषय में हमने पिछले लेख में पेजिंग के बारे में बात की थी। उसी को आगे बढ़ते आज हम डिमांड पेजिंग के बारे में जानेंगे।
मेमोरी कंप्यूटर में बहुत ही मुख्य और सीमित रिसोर्स होने के कारण इसे मैनेज करना काफी जरूरी होता है। ऑपरेटिंग सिस्टम में मेमोरी मैनेजमेंट मुख्य दो तरीकों से की जा
बीटेक या बीएससी कंप्यूटर साइंस में ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्य सब्जेक्ट के रूप में होता है। इंटरव्यू के दौरान प्रोग्रामिंग और DSA के अलावा कंप्यूटर नेटवर्क्स, ऑपरेटिंग सिस्टम और डीबीएमएस मुख्य
क्षारक हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं; वह पदार्थ दो स्वाद में कड़वे या तीखे होते हैं तथा लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं। जहां पेट
कक्षा आठवीं में बच्चे थोड़ा-थोड़ा अम्ल और क्षारक के बारे में पढ़ना शुरू कर देते हैं। लेकिन दसवीं कक्षा में यह मुख्य चैप्टर के रूप में आता है जिसमें बताया
परमाणु संरचना के पिछले लेख में जाना था कि बोर का परमाणु मॉडल क्या था और कैसे इसने रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की कमियों को दूर किया। आज के इस
दो परमाणुओं के बीच में किसी कारणवश्यक जुड़ाव (आकर्षण) होने से रासायनिक बंध का निर्माण होता है। रासायनिक बंध बनने के दो मुख्य कारण थे पहला अष्टक पूरा करना और
ऑपरेटिंग सिस्टम में संघनन (compaction) द्वारा मेमोरी मैनेजमेंट यूनिट बाह्य विखंडन ( external fragmentation) को नियंत्रित करता है। कॉम्पेक्शन को समझने के लिए सबसे पहले हम जानते हैं की मेमोरी
कक्षा ग्यारहवीं की केमिस्ट्री काफी रोचक होती है क्योंकि इसमें हम विभिन्न नए विषयों को जानते हैं जो हमारा कैमिस्ट्री को पढ़ने का नजरिया बदल देते हैं। शुरुआती विषयों में
11वीं कक्षा के रसायन विज्ञान का यह तीसरा विषय है जो की तत्वों के वर्गीकरण पर केंद्रित है। पिछले भाग में हमने परमाणु संरचना जिसमें मुख्य तौर पर इलेक्ट्रॉन की