दसवीं तक जब आप साइंस पढ़ते हैं तो उसमें केमिस्ट्री एक ही तरह की होती है लेकिन जब आप 11th कक्षा में साइंस स्ट्रीम को चुनते हैं तब आप केमिस्ट्री देखते हैं तो कई भागों में बंट जाती है जैसे: ऑर्गेनिक केमिस्ट्री, फिजिकल केमिस्ट्री, एनालिटिकल केमिस्ट्री और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री। जिसमें से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है।

अगर आप भी 11वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम को चुनने वाले हैं और जानना चाहते हैं कि ऑर्गेनिक केमिस्ट्री क्या होता है? और इसमें हम क्या पढ़ते हैं तो आज के इस लेख में हम जानेंगे उनके Organic chemistry in hindi

ऑर्गेनिक केमिस्ट्री इन हिंदी

ऑर्गेनिक केमिस्ट्री को हिंदी में कार्बनिक रसायन कहा जाता है। यह रसायन विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंदर हम कार्बनिक कंपाउंड्स ( CO3–, BCO3– को छोड़कर) का अध्ययन करते है। इसमें उन कार्बन कंपाउंड को पढ़ते हैं जिनके साथ कोई ना कोई फंक्शनल ग्रुप लगा होता है। आगे हम विस्तार में जाने के फंक्शन ग्रुप क्या होता है।

ऑर्गेनिक कंपाउंड = कार्बन (C) + फंक्शन फंक्शनल ग्रुप ( OH, COOH, CH3, CHO……)

उदाहरण के लिए Na2CO3 इसमें कार्बन तो है लेकिन कोई फंक्शन ग्रुप नहीं है तो यह कंपाउंड ऑर्गेनिक कंपाउंड नहीं है।

तो अब आपको समझ आ गया होगा कि ऑर्गेनिक कंपाउंड वह होते हैं जिसमें कार्बन की संख्या कम से कम एक हो और साथ ही कोई फंक्शनल ग्रुप जुड़ा हुआ हो। ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में हम सिर्फ कार्बन के बारे में पढ़ते हैं। जैसा कि हमें पता है periodic table में 115 से ज्यादा एलिमेंट है इसमें से कार्बन भी एक है जिसका एटॉमिक नंबर 6 है और जब हम इस कार्बन के कंपाउंड का अध्ययन करते हैं तो यह सब ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में आता है।

उदाहरण के लिए C2H5OH मे 2 कार्बन है और साथ ही -OH हाइड्रोक्सी फंक्शनल ग्रुप लगा हुआ है।

इंग्लिश डेफिनेशन ऑफ ऑर्गेनिक केमिस्ट्री

Organic chemistry is a chemistry of carbon compounds.

It is a study of Hydrocarbons and their derivatives.

Father of Organic chemistry in Hindi

सन 1828 में फ्रेडरिक वॉहलर नामक साइंटिस्ट अपनी लैब में अमोनियम साइनेट (NH4CNO) को गर्म कर रहे थे। उन्होंने देखा कि यह कंपाउंड दो मॉलिक्यूल में टूट गया था जिसमे से एक NH2CONH2 (यूरिया)। यह सबसे पहला ऑर्गेनिक कंपाउंड बना और फ्रेडरिक वॉहलर को फादर ऑफ ऑर्गेनिक केमिस्ट्री कहा गया।

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Classification of organic compound in Hindi

ऑर्गेनिक कंपाउंड को मुख्य तौर पर दो हिस्सों में बांटा गया है:

  1. एलिफेटिक कंपाउंड्स
  2. साइक्लिक कंपाउंड्स या closed chain compound

कार्बनिक यौगिक के नाम व सूत्र

यहाँ कुछ कार्बनिक कंपाउंड के नाम और उनके सूत्र दिए गए हैं:

  1. मेथेन (Methane): CH₄
  2. इथेन (Ethene): C₂H₄
  3. प्रोपेन (Propene): C₃H₆
  4. ब्यूटेन (Butene): C₄H₈
  5. पेन्टेन (Pentene): C₅H₁₀
  6. हेक्सेन (Hexene): C₆H₁₂
  7. हेप्टेन (Heptene): C₇H₁₄
  8. ऑक्टेन (Octene): C₈H₁₆
  9. नोनेन (Nonene): C₉H₁₈
  10. डिसीन (Decene): C₁₀H₂₀

कार्बनिक कंपाउंड की पहचान

कार्बनिक कंपाउंड की पहचान करने के लिए आप उनकी संरचना, रासायनिक गुणधर्म और रसायनिक प्रतिक्रियाओं की जांच कर सकते हैं। यहाँ कुछ पहचान के महत्वपूर्ण प्राथमिक तरीके दिए गए हैं:

  1. संरचना: कंपाउंड की संरचना की जांच करने के लिए, आपको कंपाउंड में कार्बन और हाइड्रोजन अणुओं की व्यास स्थिति, जोड़ने वाले डबल बॉन्ड और अन्य आतमिक ग्रुपों की स्थिति को देखना होगा।
  2. रासायनिक गुणधर्म: कंपाउंडके रासायनिक गुणधर्मों की जांच करें, जैसे कि उनकी अम्लता, आबर्जन, रंग, बूँदने की क्षमता आदि।
  3. रसायनिक प्रतिक्रियाएँ: कंपाउंड की पहचान के लिए उसकी रसायनिक प्रतिक्रियाओं की जांच करें, जैसे कि उसके अदिकारीक परिवर्तन, उसकी ऑक्सीकरण-अवक्षेपण प्रतिक्रियाएँ आदि।
  4. स्पेक्ट्रोस्कोपी: कंपाउंड की पहचान के लिए स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीकों का उपयोग करें, जैसे कि आईआर स्पेक्ट्रोस्कोपी, एनएमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी, उच्चतम तत्व स्पेक्ट्रोस्कोपी आदि।
  5. रसायनिक प्रयोग: कंपाउंड की पहचान के लिए रसायनिक प्रयोग करें, जैसे कि उसकी रिएक्शन किसी दूसरे कंपाउंड के साथ या रिएक्शन के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले उत्पादों की जांच करके।

ये तरीके केवल कुछ हैं जिनका उपयोग करके आप कार्बनिक यौगिक की पहचान कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप रसायनिक शिक्षा और अध्ययन के साथ ही प्रैक्टिकल अनुभव भी प्राप्त करें ताकि आपकी पहचान कौशल में सुधार हो सके।

कार्बनिक रसायन विशेषता

कार्बन कारक का विशेषता है कि यह अन्य तत्वों के साथ रासायनिक बंधन बना सकता है और इसके आधार पर अनगिनत संयंत्र और मोलेक्यूल बनाए जा सकते हैं। कार्बनिक रसायन (Organic Chemistry) क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाएँ और सिद्धांत होते हैं, जैसे:

  1. बाइंडिंग और स्ट्रक्चर: कार्बन क्षेत्र में अध्ययन करते समय यह महत्वपूर्ण होता है कि कैसे कार्बन अपने साथ-साथ अन्य तत्वों के साथ बंधन बनाता है और इससे कैसे विभिन्न मोलेक्यूल बनते हैं।
  2. रिएक्शन्स: कार्बनिक रसायन में कई प्रकार के रिएक्शन्स होते हैं जो कार्बन संयंत्रों को परिवर्तित करते हैं। यह रिएक्शन्स संयंत्रों के अद्वितीयता और विभिन्न मोलेक्यूल के निर्माण में मदद करते हैं।
  3. हाइड्रोकार्बन: यह विभिन्न प्रकार के हाइड्रोकार्बन मोलेक्यूलों की अध्ययन करता है, जैसे कि एल्केन, एल्काइन, और अल्केन।
  4. फंक्शनल ग्रुप्स: कार्बनिक रसायन में विभिन्न फंक्शनल ग्रुप्स के बारे में भी अध्ययन किया जाता है, जैसे कि आल्कोहल, कार्बोक्सिलिक एसिड, केटोन, आदि।
  5. पॉलिमर्स: कार्बनिक रसायन में पॉलिमर्स का अध्ययन भी होता है, जो विभिन्न समृद्धि समयों में उपयोग होते हैं।
  6. इसोमेरिज़म: कार्बनिक रसायन में इसोमेरिज़म का अध्ययन होता है, जिसमें विभिन्न मोलेक्यूलों के समान आणविक सूत्र लेकिन विभिन्न संरचनाएँ होती हैं।
  7. रिएक्शन मेकेनिज़म: कार्बनिक रसायन में रिएक्शन के मेकेनिज़म का अध्ययन किया जाता है, जिससे कि रिएक्शन कैसे प्रारंभ होते हैं और कैसे उनके द्वारा नई मोलेक्यूलें बनती हैं।
  8. बायोकेमिस्ट्री: कार्बनिक रसायन का एक महत्वपूर्ण अनुशाखा है बायोकेमिस्ट्री, जिसमें जीवों के अंदर की केमिकल प्रक्रियाएँ और जीवों के अंदर के संरचनात्मक तत्वों का अध्ययन किया जाता है।
  9. कार्बोहाइड्रेट्स: कार्बनिक रसायन में कार्बोहाइड्रेट्स की भी अध्ययन किया जाता है, जो खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले एक प्रमुख प्रकार के संरचनात्मक तत्व होते हैं।
  10. नैनोचेमिस्ट्री: यह एक उपनिषद में निर्मित विशेषगत कार्यक्रम है, जिसमें नैनोस्केल मानवनवयन के रसायनिक प्रक्रियाओं की अध्ययन की जाती है।

कार्बनिक रसायन का अध्ययन विज्ञान के कई क्षेत्रों में उपयोगी होता है, जैसे कि औद्योगिक प्रक्रियाएँ, दवाओं के निर्माण, प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग, प्रदूषण नियंत्रण, आदि में। इसके साथ ही, कार्बनिक रसायन का अध्ययन विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण और रोमांचक कैरियर भी प्रदान कर सकता है।

कार्बनिक पदार्थों के नाम

कार्बनिक पदार्थों के कई प्रकार होते हैं, जो विभिन्न धातु, अणु और रासायनिक समारूपों में पाए जाते हैं। निम्नलिखित कुछ प्रमुख कार्बनिक पदार्थों के नाम हैं:

  1. मेथेन (Methane): यह सबसे सरल और साधारण हाइड्रोकार्बन होता है जिसमें एक कार्बन और चार हाइड्रोजन अणु होते हैं।
  2. एथेन (Ethene): यह दो कार्बन और चार हाइड्रोजन अणुओं से बना होता है और यह एक प्रमुख उपयोगिता हाइड्रोकार्बन है जो पॉलिमर निर्माण में उपयोग होता है।
  3. प्रोपेन (Propene): यह तीन कार्बन और भारीभरक (bulky) हाइड्रोजन अणुओं से बना होता है और प्लास्टिक और सिंथेटिक रसायनिक उत्पादों में उपयोग होता है।
  4. ब्यूटेन (Butene): इसमें चार कार्बन और आठ हाइड्रोजन अणु होते हैं और यह इलेक्ट्रॉनिक्स और प्लास्टिक निर्माण में उपयोग होता है।
  5. हेक्सेन (Hexane): यह 6 कार्बन और 12 हाइड्रोजन अणु होते हैं और यह सॉल्वेंट्स और पेट्रोलियम उत्पादों में उपयोग होता है।
  6. एथनॉल (Ethanol): यह एक ऑल्कोहॉल होता है और एक कार्बन, दो हाइड्रोजन और एक OH ग्रुप के साथ बनता है।
  7. मेथिल क्लोराइड (Methyl Chloride): यह एक हाइड्रोक्लोरोकार्बन होता है जिसमें एक कार्बन और तीन हाइड्रोजन अणु होते हैं और यह कृत्रिम रसायनिक उत्पादों में उपयोग होता है।
  8. एसिटोन (Acetone): यह एक केटोन होता है और यह दो कार्बन और तीन हाइड्रोजन अणु होते हैं। यह सॉल्वें्ट्स, प्लास्टिक और औद्योगिक उत्पादों में उपयोग होता है।
  9. बेंजीन (Benzene): यह एक अरीन होता है और यह 6 कार्बन और 6 हाइड्रोजन अणुओं से बना होता है। यह ऑर्गेनिक रसायन के अध्ययन में महत्वपूर्ण होता है।
  10. एसिडिक अम्ल (Acetic Acid): यह एक कार्बोक्सिलिक एसिड होता है और यह एक कार्बन, दो हाइड्रोजन, और एक कार्बोक्सिल ग्रुप से बनता है।
  11. इथानॉलामिन (Ethanolamine): यह एक अमीन होता है और यह एक कार्बन, तीन हाइड्रोजन, और एक अमीन ग्रुप से बनता है।
  12. एस्टर (Ester): यह एक कार्बोक्सिलिक एसिड और एक आल्कोहॉल की रिएक्शन से बनता है, और इसका रसायनिक और सुगंध गुणधर्म होता है।
  13. एसिटाइलेन (Acetylene): यह एक अल्काइन हाइड्रोकार्बन होता है और यह दो कार्बन और दो हाइड्रोजन अणुओं से बनता है।
  14. आइसोप्रोपिल आल्कोहॉल (Isopropyl Alcohol): यह एक ऑल्कोहॉल होता है और यह तीन कार्बन, आठ हाइड्रोजन, और एक आल्कोहॉल ग्रुप से बनता है।
  15. फेनोल (Phenol): यह एक अरील ऑल्कोहॉल होता है और यह एक अरीन और एक आल्कोहॉल ग्रुप से बनता है।
  16. तोलुइन (Toluene): यह एक अरोमेटिक हाइड्रोकार्बन होता है और यह मेथिलबेंजीन के उपयोगी उपयोग का स्रोत होता है।
  17. निट्रोबेंजीन (Nitrobenzene): यह एक नाइट्रोकार्बन होता है और यह बेंजीन के एक हाइड्रोजन अणु की जगह नाइट्रो ग्रुप से बनता है।
  18. एथिलेन ग्लिकॉल (Ethylene Glycol): यह एक पॉलिओल होता है और यह दो आल्कोहॉल ग्रुपों से बनता है, जिसका उपयोग अधिकतमता में शीतलन और ब्रेक फैल मे होता है।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं, और कार्बनिक रसायन में और भी अनगिनत पदार्थ होते हैं जो विभिन्न संरचनात्मक और रासायनिक गुणधर्मों के साथ आते हैं।

कार्बनिक कंपाउंड के प्रकार

कार्बनिक कंपाउंड कई प्रकार के होते हैं, जो विभिन्न संरचनात्मक और रासायनिक गुणधर्मों के साथ आते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कार्बनिक कंपाउंड के प्रकार हैं:

  1. हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbons): यह कंपाउंड केवल कार्बन और हाइड्रोजन अणुओं से मिलकर बनते हैं। हाइड्रोकार्बन दो मुख्य श्रेणियों में आते हैं: सतत हाइड्रोकार्बन (Aliphatic Hydrocarbons) और अरोमेटिक हाइड्रोकार्बन (Aromatic Hydrocarbons)।
  2. ऑल्कोहॉल्स (Alcohols): यह कंपाउंड हाइड्रोक्सील ग्रुप (OH ग्रुप) के साथ होते हैं।
  3. एसिड्स (Acids): यह कंपाउंड कार्बोक्सिल ग्रुप (COOH ग्रुप) के साथ होते हैं, जो उन्हें एक्सिडिक गुणधर्म प्रदान करता है।
  4. एस्टर्स (Esters): यह कंपाउंड कार्बोक्सिलिक एसिड और आल्कोहॉल की रिएक्शन से बनते हैं।
  5. आमिन्स (Amines): यह कंपाउंड नीचे की तरफ एक अणु वाले होते हैं, जिन्हें अमीन ग्रुप (NH2 ग्रुप) कहा जाता है।
  6. केटोन्स (Ketones): यह कंपाउंड केटोन ग्रुप (C=O ग्रुप) के साथ होते हैं, जो दो कार्बन अणुओं के बीच बनता है।
  7. एल्डिहाइड्स (Aldehydes): यह कंपाउंड एल्डिहाइड ग्रुप (CHO ग्रुप) के साथ होते हैं, जो एक कार्बन और एक हाइड्रोजन अणु के बीच बनता है।
  8. एथर्स (Ethers): यह कंपाउंड दो ऑल्किल या अरील ग्रुपों के बीच एक ऑक्सीजन अणु के साथ होते हैं।
  9. हाइड्रोक्सिड (Hydroxides): यह कंपाउंड हाइड्रोक्सील ग्रुप (OH ग्रुप) के साथ होते हैं और विभिन्न मिश्रणों में पाए जा सकते हैं।
  10. अमाइड्स (Amides): यह कंपाउंड कार्बोक्सिल ग्रुप (COOH ग्रुप) के साथ नीचे की तरफ एक नाइट्रोजन अणु के साथ होते हैं।
  11. आइसोप्रोपाइल (Isopropyl): यह एक ऑल्किल ग्रुप होता है जिसमें एक कार्बन और तीन हाइड्रोजन अणु होते हैं।
  12. नाइट्राइल्स (Nitriles): यह कंपाउंड साइयानो ग्रुप (C≡N ग्रुप) के साथ होते हैं, जो कार्बन और नाइट्रोजन अणु के बीच बनता है।
  13. आइसोसियनेट्स (Isocyanates): यह कंपाउंड आइसोसियानो ग्रुप (N=C=O ग्रुप) के साथ होते हैं, जो आइसोसियनिक ग्रुप और कार्बनिल ग्रुप के बीच बनता है।
  14. थायोल्स (Thiols): यह कंपाउंड थाइल ग्रुप (SH ग्रुप) के साथ होते हैं, जो ओक्सीजन के स्थान पर सल्फर के साथ होता है।
  15. सल्फोनेट्स (Sulfonates): यह कंपाउंड सल्फोनिक ग्रुप (RSO3 ग्रुप) के साथ होते हैं, जो अल्कील या अरील ग्रुप के साथ बंधन बनाता है।
  16. थियोथिओंल (Thiothiols): ये कंपाउंड थिओल ग्रुप (SH ग्रुप) के साथ होते हैं, जो ओक्सीजन के स्थान पर सल्फर के साथ होता है।
  17. एनोल्स (Enols): यह कंपाउंड एनोल ग्रुप (C=C-OH ग्रुप) के साथ होते हैं, जो डबल बॉन्ड के बगीचे से होता है।
  18. इमाइन्स (Imines): यह कंपाउंड इमिन ग्रुप (C=N ग्रुप) के साथ होते हैं, जो एक कार्बन और एक नाइट्रोजन अणु के बीच बनता है।
  19. थियोइमाइन्स (Thioimines): यह कंपाउंडथिओइमिन ग्रुप (C=N-S ग्रुप) के साथ होते हैं, जो एक कार्बन, एक नाइट्रोजन और एक सल्फर अणु के बीच बनता है।
  20. निट्रोसो (Nitroso): यह कंपाउंड निट्रोसो ग्रुप (NO ग्रुप) के साथ होते हैं, जो एक कार्बन और एक नाइट्रोजन अणु के बीच बनता है।

यह सिर्फ कुछ प्रकार के कार्बनिक यौगिकों की उदाहरण हैं, और इसके अलावा भी और भी अनेक प्रकार के कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनका अध्ययन विभिन्न रासायनिक और जैव-रसायनिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण होता है।

दिए गए कार्बनिक यौगिक में क्रियात्मक समूह की पहचान

कार्बनिक यौगिकों में क्रियात्मक समूहों की पहचान रासायनिक संरचनात्मक गुणधर्मों, आणविक संरचना और यौगिकों के विभिन्न रिएक्शन्स के आधार पर की जा सकती है।

यहाँ कुछ क्रियात्मक समूहों की पहचान दी गई है:

  1. हाइड्रोक्सील ग्रुप (OH ग्रुप): यह ग्रुप एक ऑल्कोहॉल का पहचानी समूह होता है, जो उदाहरण स्वरूप में मेथनॉल और इथानॉल में पाया जा सकता है।
  2. कार्बोक्सिल ग्रुप (COOH ग्रुप): यह ग्रुप एक एसिड का पहचानी समूह होता है, जो उदाहरण स्वरूप में एसिटिक एसिड (एस्टर में) और मेथानोइक एसिड में पाया जा सकता है।
  3. एमीन ग्रुप (NH2 ग्रुप): यह ग्रुप एक अमीन का पहचानी समूह होता है, जो उदाहरण स्वरूप में मेथामीन और एथानोलामिन में पाया जा सकता है।
  4. कार्बोनिल ग्रुप (C=O ग्रुप): यह ग्रुप केटोन्स और एल्डिहाइड्स का पहचानी समूह होता है, जो उदाहरण स्वरूप में एसिटोन (केटोन) और फॉर्माल्डिहाइड (एल्डिहाइड) में पाया जा सकता है।
  5. आमिन ग्रुप (R-NH2 ग्रुप): यह ग्रुप आमिन्स का पहचानी समूह होता है, जो उदाहरण स्वरूप में मेथामीन और एथिलेन डाइआमिन में पाया जा सकता है।
  6. एस्टर ग्रुप (RCOOR’ ग्रुप): यह ग्रुप एस्टर्स का पहचानी समूह होता है, जो उदाहरण स्वरूप में मेथाइल एथानोएट और एथाइल एसिटेट में पाया जा सकता है।
  7. नाइट्रो ग्रुप (NO2 ग्रुप): यह ग्रुप नाइट्रो कार्बनिल का पहचानी समूह होता है, जो उदाहरण स्वरूप में नाइट्रोबेंजीन में पाया जा सकता है।
  8. आल्केन ग्रुप (C=C ग्रुप): यह ग्रुप दो हाइड्रोकार्बन अणुओं के बीच डबल बॉन्ड का पहचानी समूह होता है, जो उदाहरण स्वरूप मेथेन और एथेन में पाया जा सकता है।
  9. अरील ग्रुप (Ar ग्रुप): यह ग्रुप अरील यौगिकों के साथ जुड़ने वाले ग्रुप को पहचानने में मदद करता है, जैसे कि फेनील ग्रुप (C6H5 ग्रुप)।

हमें आशा है कि हमारा इस लेख organic chemistry in hindi? के माध्यम से आपको पूर्ण जानकारी मिल गई होगी। इसके अलावा अगर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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