जो बच्चे दसवीं कक्षा के बाद 11वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम को चुन रहे हैं तो उन्हें मुख्य तौर पर 3 सब्जेक्ट को पढ़ाना होता है केमिस्ट्री, फिजिक्स और मैथमेटिक्स । केमिस्ट्री की बात करें तो इसमें तीन भाग होते हैं जिसमें हमने पहली बात किया था और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री क्या है? आज हम बात करेंगे पीरियोडिक टेबल के बारे में की aadhunik avart sarni क्या है? और आधुनिक आवर्त सारणी की विशेषताएं

11वीं के केमिस्ट्री सब्जेक्ट में पूर्ण रूप से पीरियॉडिक टेबल को ही समझाया जाता है इसका पूरा सिलेबस आवर्त सारणी आसपास ही घूमता है। इसे याद करना काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि 12वीं की केमिस्ट्री में इसकी जरूरत पड़ती है तो आज हम पीरियॉडिक टेबल को याद कैसे करे ट्रिक बताएंगे जिससे आप इसे याद कर सकेंगे।

आवर्त सारणी (पीरियॉडिक टेबल) क्या है।

जैसा कि अभी तक धरती पर हमें 115 से ज्यादा तत्व मिले हैं जो की अलग-अलग स्थिति में उपलब्ध रहते हैं। यह विभिन्न तत्व गैस, तरल और ठोस स्थिति में धरती में मिलते हैं। तो इन सब को समझने और एक जगह लाने के लिए टेबल का उपयोग किया जाता है जिसके माध्यम से इन सब एलिमेंट्स यानी तत्व को एक जगह दर्शाया जाता है। इसकी रो और कॉलम में वह सभी एलिमेंट्स एक साथ रखे जाते हैं जिनके गुण एक जैसे होते हैं।

पीरियॉडिक टेबल के लाभ

  • तत्वों का वर्गीकरण (classification) : पीरियॉडिक टेबल के माध्यम से तत्वों का वर्गीकरण आसानी से किया जा सकता है। मुख्य तौर पर तीन तरह के तत्व होते हैं धातु (Metals) , उपधातु (Metalloids) और अधातु (Non-Metals)। इस टेबल के माध्यम से इन सभी को आसानी से पहचान सकते हैं। साथी कौन से एलिमेंट इलेक्ट्रो पॉजिटिव और इलेक्ट्रोनेगेटिव है यह भी टेबल के माध्यम से जाना जा सकता है।
  • परमाणु कमांक (Atomic Number): अगर छात्र इस टेबल को अच्छे से याद कर लेता है तो वह आसानी से किसी भी एलिमेंट के एटॉमिक नंबर को बता सकता है। साथ ही कुछ हद तक एटॉमिक नंबर से एटॉमिक मास यानी कि परमाणु भार भी बताया जा सकता है।
  • संयोजकता (Valancy): पीरियॉडिक टेबल में तत्वों का वर्गीकरण इस प्रकार किया हुआ है कि आसानी से किसी भी तत्व की संयोजकता को ढूंढ सकते हैं और साथ ही उसे तत्व की संरचना के बारे में जान सकते हैं। जब हमें तत्वों के एटॉमिक नंबर और संयोजकता के बारे में पता चल जाता है तो हम आसानी से किसी भी योगिक के सूत्र का निर्माण कर सकते हैं।
  • रासायनिक बंधों का समझना: जब किसी तत्व के दो एटम आपस में जोड़ते हैं तो उसमें कौन सा बोंड बनता है जैसे कोवेलेंट, आयोनिक यह समझने में भी सहायक होता है।
  • तत्वों के गुणों में समानता का समझना: जैसा कि पीरियॉडिक टेबल में एक गुण जैसे एलिमेंट एक ग्रुप में रहते हैं और उनकी एक ही पंक्ति होती है। तो एक एलिमेंट को जानने के बाद उसके पड़ोसी एलिमेंट के बारे में भी जान सकते हैं।

आवर्त सारणी की विशेषताएं क्या है ?

  • तत्वों का अध्ययन: मंडलीफ का पीरियॉडिक टेबल आने के बाद विभिन्न तत्वों का अध्ययन काफी आसान हो गया। इससे पहले आए सभी पीरियॉडिक टेबल में एलिमेंट्स को परमाणु भार के आधार पर वर्गीकरण किया जाता था लेकिन यह पहला ऐसा मॉडल था जिसने वर्गीकरण के लिए एटॉमिक नंबर को आधार बनाया।
  • नए तत्वों की भविष्यवाणी: मंडलीफ ने मैथमेटिक्स के जरिए नए तत्वों की भविष्यवाणी की और उनके लिए टेबल में जगह छोड़ी। वह तत्व थे जर्मेनियम, सेकंडियम, गैलियम, टेक्नीशियम। बाद में जाकर यह तत्व खोजे गए और उनके गुण वैसे ही निकले जैसा मंडलीफ ने अपने टेबल में बताया था।
  • कुछ तत्वों के परमाणु भार को सही किया: पहले के पीरियॉडिक टेबल के अनुसार कुछ ऐसे तत्व थे जिनका परमाणु भार उनके अपने ही टेबल से मिल नहीं खा रहा था। मंडलीफ ने इसको भी सही किया और अपने टेबल में इनका सही भार बताया। यह एलिमेंट थे U, Be, In, Au, Pt।

आधुनिक आवर्त सारणी ( aadhunik periodic table )

मॉडर्न पीरियॉडिक टेबल में रो (row) और कॉलम (column) होते हैं। जब बाएं से दाएं की तरफ जाते हैं तो यह कॉलम कहलाते हैं वहीं अगर ऊपर से नीचे आते हैं तो यह रो कहलाते हैं। आधुनिक आवर्त सारणी की विशेषताएं यह है कि इसमें 18 कॉलम है जिसे हम ग्रुप कहते हैं और 7 रो है जिसे हम पीरियड्स कहते हैं। पीरियॉडिक टेबल में अलग-अलग रंग भी दर्शाये होते हैं जिसका अलग-अलग मतलब होता है।

आज का मॉडर्न पीरियॉडिक टेबल मोजिले द्वारा दिया गया था। जिसमें सभी एलिमेंट्स को उनके एटॉमिक नंबर के आधार पर रखा गया है। पहले के पीरियॉडिक टेबल्स में एलिमेंट्स को एटॉमिक मास के आधार पर रखा जाता था। इसमें एक निश्चित अंतराल के बीच एलिमेंट गुना को दोहराते हैं।

आधुनिक आवर्त सारणी aadhunik avart sarni

पीरियॉडिक टेबल कैसे याद करें?

जब भी आप किताब में इसका चित्र देखते हैं तो लगता होगा कि यह काफी बड़ा है क्योंकि इसमें 115 से ज्यादा तत्वों का वर्गीकरण किया हुआ है। लेकिन इसको भागों में बांट कर याद करना काफी आसान रहता है। हम पीरियॉडिक टेबल को 4 ब्लॉक में बांट लेते हैं:

  • S ब्लॉक
  • P ब्लॉक
  • D ब्लॉक
  • F ब्लॉक

आवर्त सारणी में आवर्त एवं वर्ग क्या है?

  • वर्ग (ग्रुप): पीरियॉडिक टेबल की पंक्ति को ग्रुप और हिंदी में वर्ग या समूह कहा जाता है। पीरियॉडिक टेबल में कुल 18 वर्ग है जिसमें पहले वर्ग में 7 एलिमेंट मौजूद है। जिसमें हाइड्रोजन, लिथियम, सोडियम, पोटेशियम ,रूबेडियम, सीसियम, फ्रेंड्डियम।
  • आवर्त (Period): जब आप पीरियॉडिक टेबल को बाय से दाएं तरफ देखते हैं तो उन्हें आवर्त (पीरियड्स) कहते हैं। मेंडलीव मॉडर्न पीरियॉडिक टेबल में 7 आवर्त है। जिसमें पहले आवर्त में हाइड्रोजन और हीलियम एलिमेंट मौजूद है। वहीं दूसरे आवर्त में लिथियम, बेरिलियम, बोरो, कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, फ्लोरीन, नियॉन, है।

मॉडर्न पीरियॉडिक टेबल में 18 ग्रुप (वर्ग) और 7 पीरियड (आवर्त) होते हैं।

ग्रुप 1 यानी हाइड्रोजन वाली पंक्ति के एलिमेंट्स को ⅠA एलिमेंट कहा जाता है। ग्रुप 2 को ⅡA। इसी प्रकार 13 से लेकर 18 तक ग्रुप को ⅢA से लेकर ⅧA तक वर्गीकरण किया हुआ है। ग्रुप 11 को ⅠB और ग्रुप 12 को ⅡB एलिमेंट्स कहा जाता है।

ग्रुप 4 से लेकर ग्रुप 7 को ⅢB से ⅦB कहा जाता है और ग्रुप 8,9, 10 को ⅧB कहा जाता है। यह तीनों ग्रुप एक साथ है तो इसको तृतीयक ग्रुप भी कहते हैं। यह सभी नंबर रोमन में लिखे जाते हैं।

यह भी पड़े : मॉडर्न पीरियॉडिक टेबल के नाम को याद करने के लिए ट्रिक

आवर्त सारणी में कितने ब्लॉक होते हैं?

S ब्लॉक : इसमें वह एलिमेंट आते हैं जिनका अंतिम इलेक्ट्रॉन S ऑर्बिटल में भरता है। ग्रुप 1 और 2 को s ब्लॉक एलिमेंट्स कहा जाता है। जैसे हम लिथियम की कंफीग्रेशन करते हैं जिसका एटॉमिक नंबर तीन है जिसकी कंफीग्रेशन कुछ इस प्रकार होगी: 1s² 2s¹

लिथियम का एटॉमिक नंबर तीन है यानी इसमें तीन इलेक्ट्रॉन होंगे जिसको इस प्रकार भरेंगे और इसका अंतिम इलेक्ट्रॉन s में जाएगा इस प्रकार यह s ब्लॉक एलिमेंट कहलाएगा।

P ब्लॉक: इनमें अंतिम इलेक्ट्रॉन p आर्बिटल में भरता है जिसमें ग्रुप 13 से लेकर 18 तक के एलिमेंट होते हैं। इसके उदाहरण में हम ऑक्सीजन को ले सकते हैं जिसका एटॉमिक नंबर 8 होता है जिसकी इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन इस प्रकार होती होगी 1s² 2s² 2p⁴

D ब्लॉक: इन एलिमेंट्स का अंतिम इलेक्ट्रॉन D ऑर्बिटल में भरता है। s ब्लॉक और p ब्लॉक के बीच वाले एलिमेंट जो कि ग्रुप 3 से लेकर 12 तक होते हैं इनको d ब्लॉक एलिमेंट कहा जाता है। उदाहरण के लिए सैंकडडियम (Sc) इसकी इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन है: [Ar] 4s² 3d¹

F ब्लॉक: पीरियॉडिक टेबल में इन एलिमेंट्स को अलग से नीचे दिखाया जाता है। हालांकि यह d ब्लॉक के अंदर ही रहते हैं। एलिमेंट 57 से लेकर 103 तक F ब्लॉक एलिमेंट्स है जिसमें 58 से लेकर 71 तक वाले एलिमेंट्स को लंथनॉएड्स कहा जाता है वही 89 से लेक 103 तक के एलिमेंट्स को एक्टिनॉयड्स कहा जाता है।

FAQs (आधुनिक आवर्त सारणी )

मेंडलीफ की आवर्त सारणी में कितने समूह है?


मंडलीफ की आवर्त सारणी में कुल 18 समूह है। जिन्हें आधुनिक आवर्त सारणी में ग्रुप 1 से 18 तक दर्शाया जाता है।

आवर्त सारणी में कितने वर्ग है?


आवर्त सारणी में कुल 18 वर्ग या समूह है जो मंडलीफ के प्रिडिक टेबल द्वारा दिए गए थे।

आवर्त सारणी में धातु की संख्या कितनी है


आवर्त सारणी में कुल 118 तत्व है जिसमें से 91 धातु, 20 अधातु और बची हुई 7 उपधातु है।

आवर्त सारणी में उपधातु की संख्या कितनी है?


आवर्त सारणी में उपाधातुओं की संख्या 7 है जो की है बोरोन, जर्मेनियम, सिलिकॉन, एंटीमनी, आर्सेनिक, टेल्यूरियम, पोलोनियम।

उपधातु किसे कहते हैं दो उदाहरण दीजिए


उपधातु वह तत्व होते हैं जिनके गुण धातु और अधातु दोनो से ही से मिलते हैं। कई बार यह धातु की तरह व्यवहार करते हैं और कई बार अधातु की तरह। उदाहरण के लिए बोरोन, सिलिकॉन, जर्मेनियम उपधातु कहलाते हैं।

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