हाइड्रोजन गैस क्या है?

हाइड्रोजन गैस का केमिकल फार्मूला H₂ होता है यह एक ऐसा मौलिकूलर कंपाउंड है जिसमें दो हाइड्रोजन एटम एक साथ बंधे हुए होते हैं। यह सबसे हल्का और प्रचुर मात्रा में मिलने वाला केमिकल कंपाउंड है। प्रकृति में यह गैस के फॉर्म में पाया जाता है जिसका कोई भी रंग, सवाद, सुगंध नहीं होता है और यह काफी ज्वलनशील गैस होती है।

हाइड्रोजन का इस्तेमाल विभिन्न तरह की इंडस्ट्री जैसे पेट्रोकेमिकल, फर्टिलाइजर, हाइड्रोक्रैकिंग, हाइड्रोट्रीटिंग, इलेक्ट्रॉनिक में इस्तेमाल किया जाता है। इसी के साथ बिजली और ऊर्जा के क्षेत्र में यह एक अच्छा विकल्प माना जाता है।

हाइड्रोजन धातु है या अधातु

हाइड्रोजन एक धातु नहीं है, बल्कि यह एक अद्भुत विशेषता वाला तत्व है। इसे एक परमाणु तत्व के रूप में श्रेणीबद्ध किया जाता है क्योंकि इसके अणुओं में केवल एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रॉन होता है, जिससे यह सबसे सरल तत्व माना जाता है।

हाइड्रोजन धातु नहीं बल्कि यह एक गैस है। हाइड्रोजन धातु के तत्वों में से एक होता है, लेकिन जैसा कि मैंने पहले बताया, यह बहुत ही अद्वितीय गैस है जिसका प्रमुख रूप में हाइड्रोजन अणु से मिलन जुलन होता है।

हाइड्रोजन एक अधातु (non-metal) है, और यह परमाणु संख्या 1 और परमाणु क्रमांक 1 के साथ आता है। इसका रासायनिक प्रतीक H है और इसकी आणविक संरचना में केवल एक प्रोटॉन, एक इलेक्ट्रॉन और एक न्यूट्रॉन होता है।

हाइड्रोजन का अधातु रूप काफी अद्भुत होता है, क्योंकि यह बहुत विशेष रूप से रिएक्टन में शामिल होने की क्षमता रखता है और यह विभिन्न रिएक्टनों में उपयोग होता है, जैसे कि हाइड्रोजनेशन रिएक्शन और विद्युत उत्पादन के प्रक्रियाओं में।

हालांकि अधिक प्रेशर और स्टैंडर्ड कंडीशन में हाइड्रोजन धातु की तरह व्यवहार करता है।

हाइड्रोजन गैस कैसे बनती है

हाइड्रोजन गैस को कई तरीकों से उत्पन्न किया जा सकता है, लेकिन सबसे प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:

  1. स्टीम मेथेन रिएक्शन (स्टीम रिफॉर्मिंग): यह सबसे आम तरीका है हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करने का। इस प्रक्रिया में, मेथेन (CH₄) या अन्य हाइड्रोकार्बन यौगिकों को ऊष्मागत करके और पानी गैस (H₂O) के साथ विकिरण किया जाता है, जिससे हाइड्रोजन गैस और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्पन्न होते हैं। यह प्रक्रिया उद्योगों में विभिन्न उपयोगों के लिए किया जाता है, जैसे कि ऊर्जा संचयन और उद्योगों में उपकरणों के उत्पादन में।
  2. वॉटर इलेक्ट्रोलिसिस: इस प्रक्रिया में, पानी को विद्युत विभाजित किया जाता है, जिससे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस उत्पन्न होते हैं। यह प्रक्रिया ऊर्जा संचयन और सफलता के साथ विद्युत उत्पादन के लिए उपयोगी हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर ऊर्जा आपूर्ति की आवश्यकता को पूरा करने में कठिनाईयों का सामना करती है।
  3. हाइड्रोलाइसिस: इस प्रक्रिया में, हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करने के लिए विभिन्न यौगिकों को उष्मागत किया जाता है, जिससे वे हाइड्रोजन और अन्य उत्पादों में विभाजित होते हैं।
  4. बायोमैस गैसीकरण: बायोमैस स्रोतों जैसे कि बियोगैस या सेलुलोजिक माल का उपयोग करके भी हाइड्रोजन गैस उत्पन्न किया जा सकता है।
  5. न्यूक्लियर विभाजन: न्यूक्लियर विभाजन प्रक्रिया में भी हाइड्रोजन उत्पन्न हो सकता है, लेकिन यह विशेष और विकल्पता पूरी तरह से अनुशंसित नहीं होता है, क्योंकि इस प्रक्रिया के साथ न्यूक्लियर रिस्क भी आते हैं।
  6. थर्मोकेमिकल वॉटर स्प्लिटिंग: थर्मोकेमिकल प्रक्रियाएँ उच्च तापमान का उपयोग करके पानी के अणुओं को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने में शामिल होती हैं। एक ऐसा तरीका सल्फर-आयोडाइन साइकिल है, जिसमें एक श्रृंगार के रेखाएँ अणुओं को विभाजित करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती हैं।
  7. इलेक्ट्रोकेमिकल हाइड्रोजन उत्पादन (अलकलाइन इलेक्ट्रोलिसिस): इस प्रक्रिया में, पानी को अलकलाइन इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग करके इलेक्ट्रोलाइज किया जाता है। पानी में बिजली द्वारा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की विभाजन होती है। अलकलाइन इलेक्ट्रोलिसिस छोटे स्तर पर हाइड्रोजन उत्पादन के लिए सामान्यतः उपयोग किया जाता है और यह विभिन्न अनुप्रयोगों में काम आ सकता है।
  8. इलेक्ट्रोकेमिकल हाइड्रोजन उत्पादन (PEM इलेक्ट्रोलिसिस): प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (PEM) इलेक्ट्रोलिसिस में, एक सॉलिड पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन का उपयोग इलेक्ट्रोलाइज करते समय हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करने के लिए किया जाता है। यह अलकलाइन इलेक्ट्रोलिसिस की तुलना में अधिक उत्तरदायी प्रतिक्रिया की गति और अधिक लचीलाता प्रदान करता है और उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त है जहाँ त्वरित हाइड्रोजन उत्पादन की आवश्यकता होती है।
  9. बायोमैस गैसीकरण: बायोमास सामग्री, जैसे कि लकड़ी की छिलका या कृषि अवशेष, का उपयोग गैसीकरण के लिए किया जा सकता है जिसमें हाइड्रोजन भी शामिल है। इस प्रक्रिया में, उच्च तापमान पर बायोमास को नियंत्रित मात्रा में ऑक्सीजन या भाप के साथ प्रतिक्रियाशील किया जाता है, जिससे गैसेस उत्पन्न होती हैं।
  10. फोटोइलेक्ट्रोकेमिकल वॉटर स्प्लिटिंग: यह उभरती प्रक्रिया सूरज की किरणों और विशेष अर्धचुंबकीय आवेशिक सामग्रियों का उपयोग सीधे पानी के अणुओं को हाइड्र
  1. फरमेंटेटिव हाइड्रोजन उत्पादन: कुछ माइक्रोऑर्गनिजम, जैसे कि कुछ बैक्टीरिया, के माध्यम से फरमेंटेशन प्रक्रियाओं के माध्यम से हाइड्रोजन गैस उत्पन्न किया जा सकता है। ये माइक्रोऑर्गनिजम ऑक्सीजन के अभाव में जीवित कार्बन सामग्री को विभाजित करके हाइड्रोजन को उत्पन्न करते हैं।
  2. उच्च तापमान वॉटर स्प्लिटिंग: उच्च तापमान वॉटर स्प्लिटिंग में, न्यूक्लियर रिएक्टरों या संयुक्त सौर ऊर्जा से उच्च तापमान का उपयोग करके पानी के अणुओं को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जा सकता है। यह विशिष्ट तापमानों पर बहुत प्रभावी होता है और उच्च तापमानों में विशेष रूप से प्रभावी होता है।

ये कुछ प्रमुख तरीके हैं जिनसे हाइड्रोजन गैस को उत्पन्न किया जा सकता है। यह तरीके विभिन्न उद्योगों, विज्ञान, और ऊर्जा स्रोतों में उपयोग होते हैं।

प्रयोगशाला में हाइड्रोजन गैस बनाने की विधि

प्रयोगशाला में हाइड्रोजन गैस बनाने के लिए कई तरीके हो सकते हैं। यहां एक सामान्य तरीका बताया गया है जिससे आप प्रयोगशाला में हाइड्रोजन गैस उत्पन्न कर सकते हैं:

थर्मोकेमिकल वॉटर स्प्लिटिंग:

आप थर्मोकेमिकल प्रक्रिया का उपयोग करके हाइड्रोजन गैस बना सकते हैं, जिसे “स्टीम मेथेन रिएक्शन” भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में, मेथेन (CH₄) या अन्य हाइड्रोकार्बन यौगिकों को विकिरण किया जाता है, जिससे हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उत्पन्न होते हैं।

सामग्री:

  1. मेथेन (CH₄) गैस या किसी अन्य हाइड्रोकार्बन यौगिक
  2. पानी (H₂O)
  3. ऊष्मागतीकरण के लिए उपकरण (चूल्हा या वायुमंडल या ऊष्मागतीकरण भट्ठी)
  4. उच्च तापमान पर काम करने के लिए उपकरण (उच्च तापमान भट्ठी या वयोममापी भट्ठी)

प्रक्रिया:

  1. मेथेन या हाइड्रोकार्बन यौगिक को उच्च तापमान और वायुमंडल में डालें।
  2. वायुमंडल को ऊष्मागत करके हाइड्रोकार्बन को उष्मागत करें। इस प्रक्रिया में विकिरण होता है और हाइड्रोजन गैस और कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होते हैं।
  3. गैस मिश्रण को ठंडा करके हाइड्रोजन गैस को अलग करें। इसके लिए ठंडा या वयोममापी भट्ठी का उपयोग किया जा सकता है।

इस प्रक्रिया का पूरा अध्ययन करने से पहले, प्रयोगशाला में सुरक्षा और उपकरण की सही तरीके से उपयोग करने की सुनिश्चित करें। हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करने के दौरान बहुत ही सतर्कीपूर्ण रहना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अवांछित गैस का प्रकार हो सकता है जिसमें आग और अन्य सुरक

हाइड्रोजन गैस बनाने का चित्र

हाइड्रोजन यौगिक (Compuonds)

हाइड्रोजन कई प्रकार के यौगिकों के साथ मिश्रित होकर विभिन्न यौगिक बनाता है, जिन्हें “हाइड्रोजन कंपाउंड्स” कहा जाता है। ये यौगिक विभिन्न विज्ञानिक, औद्योगिक और दैनिक उपयोगों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

कुछ प्रमुख हाइड्रोजन कंपाउंड्स निम्नलिखित हैं:

  1. पानी (हाइड्रोजन ऑक्साइड, H₂O): पानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का यौगिक है जिसका मूल आधार होता है।
  2. अम्मोनिया (NH₃): यह एक तेज़ा और जलमिश्रित गैस है जो विशेष धातुओं के साथ विज्ञान और उद्योग में उपयोग होता है।
  3. मेथेन (CH₄): मेथेन या मेथेने मेथेन गैस के उपयोगों के साथ एक प्रकार का आद्य परिपद है और यह सबसे सरल और प्रमुख हाइड्रोकार्बन है।
  4. हाइड्रोक्सील आम्ल (हाइड्रोक्सील ग्रुप के साथ आम्ल): इसमें हाइड्रोजन और आम्ल का यौगिक होता है जैसे कि मिठाइलीनेडिलट्रिएन (CH₃COOH) और एसिडों की बड़ी संख्या।
  5. हाइड्राइड्स (धातु के साथ): यह धातुओं के साथ बनाए गए यौगिक होते हैं जैसे कि नाइट्राइड्स, सल्फाइड्स, आदि।
  6. हाइड्रोकार्बन्स: ये विभिन्न आद्य और अद्य परिपदों में हाइड्रोजन और कार्बन के साथ यौगिक होते हैं, जैसे कि एल्केन, एल्काइन, आदि।
  7. हाइड्रोजन परॉक्साइड (H₂O₂): यह एक परोक्साइड है जिसमें दो ऑक्सीजन एटम होते हैं और यह जलाया जा सकता है।
  8. हाइड्रोक्साइड्स (हाइड्रोक्सील ग्रुप के साथ): ये आम्ल, चर्बनिक यौगिक आदि में पाए जाते हैं और इनमें हाइड्रोक्सील ग्रुप (OH) होता है।
  9. हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl): हाइड्रोजन क्लोराइड एक रासायनिक कंपाउंड है जिसका निर्माण हाइड्रोजन गैस और क्लोरीन गैस की प्रतिक्रिया से होता है। यह पानी में घुलाया जाने पर रासायनिक बंध के जरिए मजबूत एसिड बनाता है, जिसे हाइड्रोक्लोरिक एसिड कहा जाता है।
  10. हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S): हाइड्रोजन सल्फाइड एक रंगहीन गैस है जिसकी विशिष्ट दुर्गंध होती है। यह अक्सर उस स्थानों पर पाया जाता है जहाँ कच्चा जैविक सामग्री घिसी होती है और उच्च मात्राओं में यह विषाक्तक हो सकता है।
  11. हाइड्राइड्स (आयनिक बंध यौगिक): हाइड्राइड्स हाइड्रोजन की अन्य तत्वों के साथ प्रतिक्रिया करके बनाए जाने वाले कंपाउंड्स होते हैं। इन कंपाउंड्स का अक्सर आयनिक प्रकृति होता है, जैसे सोडियम हाइड्राइड (NaH) या कैल्शियम हाइड्राइड (CaH₂)।
  12. हाइड्रोजन पेरॉक्साइड (H₂O₂): हाइड्रोजन पेरॉक्साइड एक हलके नीले रंग का तरल है जिसमें दो हाइड्रोजन अणु और दो ऑक्सीजन अणु होते हैं। यह एक मजबूत ऑक्सीकरण एजेंट होता है और विभिन्न उपयोगों में आता है, जैसे कि एक विशोधक और सफाई प्रक्रियाओं में।
  13. हाइड्रोकार्बोनेट्स (बाइकार्बोनेट्स): ये कंपाउंड्स हाइड्रोकार्बोनेट आयन (HCO₃⁻) को शामिल करते हैं और यह आमतौर पर बेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट, NaHCO₃) और अन्य एंटासिड्स में पाए जाते हैं।
  14. हाइड्रोजनेटेड तेल और चिकित्सा में प्रयोग किए जाते हैं, जो अप्रतिष्ठित कोमल तेल और तेलों को धातुओं के साथ जोड़कर हाइड्रोजनेशन प्रक्रिया के माध्यम से स्थिरित करते हैं।
  15. हाइड्रोजन सायनाइड (HCN): हाइड्रोजन सायनाइड एक अत्यधिक विषाक्तक कंपाउंड है जिसमें हाइड्रोजन, कार्बन, और नाइट्रोजन होता है। इसे विविध औद्योगिक प्रक्रियाओं में उपयोग किया जाता है, जिसमें संश्लेषण की जाती है।
  16. हाइड्राजीन (N₂H₄): हाइड्राजीन एक शक्तिशाली घटाने वाला एजेंट होता है और यह अक्सर रॉकेट इंधन और ईंधन कक्षों में उपयोग होता है।
  17. धातु हाइड्राइड्स: ये कंपाउंड्स हैं जिनमें हाइड्रोजन एक धातु के साथ बंधा होता है। धातु हाइड्राइड्स हाइड्रोजन को निश्चित परिस्थितियों में छोड़ सकते हैं, जिससे उन्हें ईंधन कक्षों और अन्य उपयोगों के लिए उपयोगी बनाया जा सकता है।
  18. हाइड्रोजन बॉन्ड: हाइड्रोजन बॉन्ड खुद में केमिकल कंपाउंड नहीं होते हैं, बल्कि यह मोलेक्यूलों के बीच की आपसी प्रभावनाओं का परिणाम होता है। यह उस समय उत्पन्न होता है जब किसी मोलेक्यूल के हाइड्रोजन अणु को किसी अणु के विशेष विद्युत आवेशक अणु की ओर आकर्षित किया जाता है, जैसे कि पानी और डीएनए में होता है।

FAQs

हाइड्रोजन के उपयोग लिखिए


बिल्कुल! हाइड्रोजन का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है, जैसे कि ईनर्जी उत्पादन के लिए फ्यूल सेल्स के माध्यम से, जो एक स्वच्छ और पूनीत ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करता है। यह अम्मोनिया जैसे उर्वरकों के उत्पादन में और विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी प्रयुक्त होता है। ऑटोमोटिव उद्योग में, हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स का उपयोग वाहनों को चालाने के लिए किया जाता है, जो पारंपरिक पेट्रोल-डीजल इंजनों के एक विकल्प के रूप में आता है। इसके अलावा, इसका महत्वपूर्ण भूमिका है वैज्ञानिक अनुसंधान में और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए रॉकेट ईंधन के रूप में, क्योंकि इसकी ऊर्जा की अधिक सामग्री होती है।

हाइड्रोजन का सूत्र

हाइड्रोजन का केमिकल सूत्र “H₂” है।

हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक के नाम


हाइड्रोजन के तीन प्रमुख इसोटोप (समस्थानिक) के नाम:

प्रोटियम (Protium): यह हाइड्रोजन के सबसे सामान्य इसोटोप है, जिसमें केवल एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रॉन होता है।
डीटीरियम (Deuterium): इस इसोटोप में हाइड्रोजन के साथ एक विशिष्ट न्यूट्रॉन भी होता है, जो नॉर्मल हाइड्रोजन के मुकाबले भारी होता है।
ट्रीटीयम (Tritium): यह हाइड्रोजन के सबसे भारी इसोटोप है, जिसमें दो न्यूट्रॉन और एक प्रोटॉन होता है। ट्रीटीयम रेडियोएक्टिव होता है और न्यूक्लियर प्रक्रियाओं में उपयोग होता है।

हाइड्रोजन के समस्थानिक में न्यूट्रॉन की संख्या


हाइड्रोजन के समस्थानिक रूप में, एक हाइड्रोजन परमाणु में केवल एक प्रोटॉन और कोई न्यूट्रॉन नहीं होता है। इसका कारण है कि हाइड्रोजन का परमाणु संरचना सबसे सरल है, जिसमें केवल एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रॉन होता है। इसलिए, हाइड्रोजन के समस्थानिक रूप में न्यूट्रॉन की संख्या शून्य (0) होती है।

हाइड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर क्या बनता है?


हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिलना एक बड़ी प्रतिक्रिया होती है, जिससे पानी (H2O) बनता है। यह प्रक्रिया जानी जाती है क्विक्विक प्रतिक्रिया के रूप में। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस मिलकर ज्वलनशील प्रतिक्रिया के अनुसार ज्वलने लगते हैं, और जब यह प्रतिक्रिया समाप्त होती है, तो पानी बनता है।

यह प्रतिक्रिया की रूप में एक साधारण उदाहरण इस प्रकार हो सकता है:

2H2 (हाइड्रोजन) + O2 (ऑक्सीजन) → 2H2O (पानी)

हाइड्रोजन तत्व के अविष्कारक है


हाइड्रोजन तत्व का अविष्कारक क्रिस्टिन शेल और रॉबर्ट हॉल्स के द्वारा 1766 में हुआ था। वे निकोलस प्रियस्टली के एक उपनिषद्ध गैस के रूप में पहचान सकते थे, जिसे वह एक अलग तरीके से देख सकते थे, जो बाद में हाइड्रोजन के रूप में प्रस्तुत हुआ। हाइड्रोजन तत्व का नाम उन्होंने “इनफ्लैमेबल एयर” दिया था, क्योंकि यह गैस होने के साथ-साथ बहुत अधिक ज्वलता है।

हाइड्रोजन गैस फार्मूला


हाइड्रोजन गैस का केमिकल फार्मूला “H2” है। इसका मतलब है कि हाइड्रोजन गैस मोलेक्यूल का निर्माण दो हाइड्रोजन एटमों (H) के संघटन से होता है, जो साथ में एक एक मोलेक्यूल बनाते हैं।

हाइड्रोजन गैस की फार्मूला “H2” है, जिसमें:

“H” हाइड्रोजन एटम की प्रति मोलेक्यूल एक होता है, और
“2” मोलेक्यूल के अंदर दो हाइड्रोजन एटम होते हैं।

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