12th कक्षा बायलॉजी की फील्ड से पास करने के बाद ज्यादातर बच्चों का सपना डॉक्टर बनने का होता है। क्योंकि इसमें आदर सम्मान के साथ-साथ अच्छी सैलरी भी मिलती है। इसमें भी कई सारी फील्ड होती है जिसमें से न्यूरोसाइंस और न्यूरोलॉजी मुख्य फील्ड में से एक है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि न्यूरो सर्जन क्या होता है और न्यूरो सर्जन कैसे बने?

न्यूरोलॉजी क्या है?

न्यूरोलॉजी मेडिकल साइंस का वह हिस्सा है जो नर्वस सिस्टम से संबंधित बीमारियों और डिसऑर्डर का इलाज करता है। यह दिमाग स्पाइनल कॉर्ड टाइटल नाम पेरीफेरल नर्व और मसल्स की विभिन्न बीमारियों के इलाज पर केंद्रित होता है। न्यूरोलॉजी की फील्ड के स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्कोर न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरो सर्जन कहा जाता है। अब बात करते हैं न्यूरो सर्जन कैसे करें

न्यूरोसर्जन क्या होता है/ Neurosurgeon kya hota hai?

न्यूरोसर्जन एक चिकित्सा विशेषज्ञ होता है जो न्यूरोलॉजी विज्ञान के क्षेत्र में काम करता है। न्यूरोलॉजी साइंस में सीने में नसों और मस्तिष्क नसों का अध्ययन किया जाता है। न्यूरोसर्जन इस क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं और मस्तिष्क, स्पाइन और पेरिफेरल नर्व समस्याओं का उपचार करते हैं।

न्यूरोसर्जन का काम क्या है?

न्यूरोसर्जन के काम क्षेत्र में निम्नलिखित समस्याएं शामिल हो सकती हैं:

  1. ट्यूमर्स (खोपड़ी के अंदर या बाहर)
  2. नसों के संक्रमण
  3. मस्तिष्क या स्पाइन की गंभीर चोट
  4. ब्लड क्लॉट और हाइड्रोसेफलस (ब्रेन में ब्लड का इकट्ठा होना)
  5. न्यूरोलॉजिक विकार
  6. ईपीइलेप्सी
  7. Familial नसों की समस्याएं (जैसे idiopathic cramping, cervical spondylosis, आदि)

न्यूरोसर्जन आम तौर पर सर्जिकल इंटरवेंशन द्वारा इन समस्याओं का इलाज करते हैं। इन्हें विभिन्न साइन्टिफिक तकनीकों का ज्ञान होता है जैसे कि क्रैनियोटोमी (खोपड़ी के अंदर चिरुर्जी), डिस्केक्टोमी (स्पाइन से डिस्क का निकालना), न्यूरो-एन्डोस्कोपी (खोपड़ी के अंदर दृश्य के माध्यम से चिरुर्जी), और स्टेरियोटैक्टिक सर्जरी (नसों के छोटे गोलियांकन के लिए), आदि।

नोट: न्यूरोसर्जन बनने के लिए लंबी एंव उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और इसे केवल मेडिकल शिक्षा के बाद ही अभ्यास करना संभव होता है।

न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरो सर्जन में अंतर

न्यूरोलॉजिस्ट का काम दिमाग और शरीर की नसों से संबंधित बीमारियों का पता लगाना और non-surgical तरीकों से उनका इलाज करना होता है। न्यूरोलॉजिस्ट मेडिकेशन द्वारा इलाज करते हैं। वही न्यूरो सर्जन सर्जिकल और नॉन सर्जिकल के माध्यम से मरीज का इलाज करते हैं। स्पाइनल कॉर्ड, दिमाग की नसों की सर्जरी न्यूरो सर्जन द्वारा ही की जाती है।

अगर कुल मिलाकर बात करें तो न्यूरो सर्जन सर्जरी के माध्यम से इलाज करता है वही न्यूरोलॉजिस्ट मेडिकेशन और दवाइयों के माध्यम से इलाज करता है।

न्यूरोलॉजिस्टन्यूरोसर्जन
न्यूरोलॉजिस्ट वे विशेषज्ञ होते हैं जो न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में काम करते हैं।न्यूरोसर्जन वे चिकित्सक होते हैं जो न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में काम करते हैं।
न्यूरोलॉजिस्ट चिकित्सा और दवा द्वारा न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का इलाज करते हैं। वे रोगी को दवाओं, दिनचर्या के माध्यम से लाभ पहुंचाते हैं।न्यूरोसर्जन इंवेसिव सर्जरी और प्रक्रियाओं के माध्यम से न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का इलाज करते हैं। वे स्पाइन और ब्रेन सर्जरी करके ट्यूमरों का निकालना, स्पाइन डिस्क समस्याएं का समाधान, रक्तवाहिनियों की समस्याओं का समाधान और अन्य सर्जिकल प्रक्रियाएं करते हैं।
न्यूरोलॉजिस्ट नॉन-सर्जिकल विधियों का उपयोग करते हैं।न्यूरोसर्जन सर्जिकल विधियों का उपयोग करते हैं।
न्यूरोलॉजिस्ट विभिन्न नर्वस सिस्टम से संबंधित विकारों और बीमारियों का निदान करते हैं जैसे कि इपिलेप्सी, माइग्रेन, पार्किंसन रोग, अल्जाइमर रोग, दिमागी फ़ेफ़ड़े की बीमारियां आदि।न्यूरोसर्जन नर्वस सिस्टम से संबंधित विकारों और समस्याओं के इलाज के लिए समर्थ होते हैं जैसे कि दिमागी ट्यूमर का निकालना, स्ट्रोक के उपचार, स्पाइनल सर्जरी, न्यूरोलॉजिकल इंजरी के इलाज आदि।

न्यूरोसर्जन कैसे बने? Neurosurgeon kaise bane

न्यूरोसर्जन वे चिकित्सक होते हैं जो न्यूरोसर्जरी (नर्व सर्जरी) के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं। ये चिकित्सक मस्तिष्क, स्पाइन, नसों और पेरिफेरल नर्व संबंधी विभिन्न चिकित्सा समस्याओं के इलाज में सक्षम होते हैं।

न्यूरोसर्जन बनने के लिए निम्नलिखित कदमों को पूरा करना पड़ता है:

  1. शैक्षणिक योग्यता: न्यूरोसर्जन बनने के लिए पहले आपको मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस डिग्री हासिल करनी होगी, जो 5 साल की मेडिकल पड़ाई होती है।
  2. एमडी/एमएस स्पेशलाइजेशन: अगर आपको न्यूरोसर्जन बनना है, तो आपको एमबीबीएस के बाद एमडी (मास्टर ऑफ मेडिसन ) या एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) का कोर्स करना होगा।
  3. डीएम न्यूरोसर्जरी: एक उच्च अनुभवी न्यूरोसर्जन बनने के लिए एमडी या एमएस स्पेशलाइजेशन के बाद, आपको न्यूरोसर्जरी में डीएम (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन न्यूरोसर्जरी) कोर्स या डिप्लोमा कोर्स करना चाहिए।
  4. फेलोशिप: न्यूरो सर्जरी में डिप्लोमा या डिग्री कोर्स करने के बाद विशेषज्ञता अभ्यास (फेलोशिप) में भी अप्लाई करना चाहिए ताकि आपको नई मेडिकल टेक्नोलॉजीज और टेक्नीक्स के बारे में पता चल सके।
  5. अनुभव: न्यूरोसर्जन बनने के लिए विभिन्न अस्पतालों में न्यूरोसर्जरी का अनुभव होना आवश्यक होता है। ज्यादातर न्यूरोसर्जन फेलोशिप या अन्य मेडिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम द्वारा अनुभव प्राप्त करते हैं।
  6. सर्टिफिकेट: न्यूरोसर्जन बनने के बाद, आपको अपने चिकित्सा प्रशासन या चिकित्सा परिषद के द्वारा न्यूरोसर्जन के रूप में पंजीकृत होने के लिए प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।

12th ke baad neurosurgeon kaise bane

12th पास: न्यूरो सर्जन बनने के लिए सबसे पहले 12th कक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी (पीसीबी) से कम से कम 60% के साथ पास करनी होगी।

एमबीबीएस कोर्स: 12वीं के बाद आपको MBBS कोर्स करना होगा। Mbbs में 4 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस यानी AIIMS से एमबीबीएस करने के लिए आपको NEET UG का एग्जाम देना होगा।

मास्टर कोर्स करें: एमबीबीएस के बाद आप न्यूरोलॉजी की फील्ड में एमडी (मास्टर ऑफ मेडिसिन) या एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) कोर्स कर सकते हैं और अपनी क्लिनिकल प्रैक्टिस शुरू कर सकते है। एमडी या एमएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको neet-pg या AIIMS पीजी एंट्रेंस एग्जाम पास करना होगा।

क्लिनिकल प्रैक्टिस: न्यूरोलॉजी की फील्ड में मास्टर डिग्री लेने के बाद आप गवर्नमेंट या प्राइवेट सेक्टर के हॉस्पिटल में प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। साथी कुछ समय के बाद आप खुद का क्लीनिक भी शुरू कर सकते है।

एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा

  • NEET: एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए एक नेशनल लेवल मेडिकल प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसे नीट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट नाम से जाना जाता है। नीट के माध्यम से भारत के सभी राज्यों में मेडिकल यूनिवर्सिटीज़ और प्राइवेट कॉलेज में एमबीबीएस के लिए एडमिशन ले सकते है। अन्य एमबीबीएस एंट्रेंस एग्जाम JIPMER है।

न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर का क्या काम होता है?

  1. रोगी इतिहास लेना: न्यूरोलॉजिस्ट रोगी के बारे में विस्तार से जानकारी जुटाने के लिए रोगी से समस्या संबंधी पूर्ण विवरण प्राप्त करते हैं।
  2. शारीरिक जाँच: न्यूरोलॉजिस्ट शारीरिक जांच करते हैं और विभिन्न न्यूरोलॉजिकल परीक्षणों का उपयोग करते हैं, जिसमें नसों की कमी की जांच, मस्तिष्क के फंक्शनल जाँच, और न्यूरोमस्कुलर परीक्षण शामिल हो सकते हैं।
  3. न्यूरोलॉजिकल टेस्ट: वे विभिन्न न्यूरोलॉजिकल टेस्ट और प्रक्रियाएं करते हैं, जैसे ईईजी, एमईजी, एचईजी, और इंटरनेशनल स्तर के न्यूरोलॉजिकल टेस्ट।
  4. इमेजिंग: न्यूरोलॉजिस्ट विभिन्न रचनात्मक इमेजिंग जैसे एमआरआई (मैग्नेटिक रिज़नेंस इमेजिंग), कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी), एंजियोग्राफी, और यूल्ट्रासाउंड का उपयोग करते हैं जो न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का निदान करने में मदद करते हैं।
  5. ट्रीट्मन्ट : न्यूरोलॉजिस्ट रोग के ठीक निदान के लिए उपलब्ध जानकारी और जांचों का उपयोग करते हैं।
  6. उपचार: वे रोगियों के लिए उपचार योजना तैयार करते हैं और चिकित्सा सहायताओं का उपयोग करके उनका इलाज करते हैं।

न्यूरोसर्जन के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट

  • ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS), नई दिल्ली
  • क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC), वेलोर
  • पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़
  • श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SCTIMST), तिरुवनंतपुरम
  • जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER), पुडुचेरी
  • इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी दिल्ली
  • किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल (KEM), मुंबई
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS), बैंगलोर
  • संजय गाँधी पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS), लखनऊ
  • आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज (AFMC), पुणे

FAQs


न्यूरो सर्जन क्या क्या देखता है?


न्यूरो सर्जन न्यूरोलॉजी और न्यूरोसाइंस की फील्ड में विशेषज्ञता रखता है जो शरीर की नसों और मस्ती की नसों से जुड़ी बीमारियों को देखता और उनका इलाज करता है। न्यूरो सर्जन ब्रेन टयूमर, ब्रेन इन्फेक्शन, स्पाइन डिस्क की समस्याएं का इलाज करता है।


न्यूरोसर्जन कितने प्रकार के होते हैं?


न्यूरो सर्जन कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे:
• ब्रेन सर्जन
• स्पाइनल सर्जन
• न्यूरोवस्कुलर सर्जन
• न्यूरो ऑंकोलॉजी सर्जन
• न्यूरो ट्रॉमा
• पीडियाट्रिक न्यूरो सर्जन
• फंक्शनल न्यूरो सर्जन


न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन में क्या अंतर है?


न्यूरो सर्जन और न्यूरोलॉजिस्ट दोनों ही न्यूरोसाइंस और न्यूरोलॉजी की फील्ड से संबंधित पढ़ाई करते हैं लेकिन फर्क इतना होता है कि न्यूरोलॉजिस्ट दिमाग और नसों से संबंधित बीमारी का मेडिकेशन द्वारा इलाज करता है वही न्यूरो सर्जन न्यूरो सर्जरी में माहिर होते हैं।


न्यूरोलॉजी किससे संबंधित है?

न्यूरोलॉजी न्यूरोसाइंस (Neuroscience) के क्षेत्र से संबंधित है। न्यूरोसाइंस एक विज्ञान है जो नर्वस सिस्टम की अध्ययन और उसके संरचना, कार्य, और विकास को समझने पर जोर देता है। इसमें मस्तिष्क, स्पाइनल कोर्ड, नर्वों और उनके संबंधित अंगों का अध्ययन शामिल होता है।


न्यूरो फिजिशियन क्या होता है?


न्यूरोफिजिशियन एक मेडिकल स्पेशलिस्ट होता है जो न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखता है। न्यूरोलॉजी मनोविज्ञान और न्यूरोसाइंस (न्यूरोसाइंस मन और नर्वस सिस्टम) के अध्ययन के विषय में समर्थन प्रदान करता है।


मस्तिष्क विशेषज्ञ डॉक्टर को क्या कहते हैं?


मस्तिष्क विशेषज्ञ डॉक्टर को “न्यूरोलॉजिस्ट” (Neurologist) कहते हैं। यह चिकित्सक नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क के सम्बंधित समस्याओं के निदान, इलाज और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखते हैं। न्यूरोलॉजिस्ट विभिन्न न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के लिए रोगी की जांच, निदान लगाना, और उनका इलाज करने के लिए विशेषज्ञता होती है।


neurosurgeon kaise bane


न्यूरोसर्जन बनने के लिए बारहवीं कक्षा PCB स्ट्रीम से पास करनी होगी। इसके बाद नीट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से एमबीबीएस में एडमिशन लेकर डिग्री पूरी करनी होगी। एक उच्च स्तर के न्यूरो सर्जन में बनने के लिए आपको MS या MD इन न्यूरोलॉजी का कोर्स भी करना होता है।


न्यूरो सर्जन मीनिंग इन हिंदी


न्यूरोसर्जन का मतलब हिंदी में “नर्व शल्यचिकित्सक” होता है। “न्यूरो” शब्द नर्व से संबंधित है और “सर्जन” शब्द शल्यचिकित्सक (सर्जरी विशेषज्ञ) को दर्शाता है। ये डॉक्टर नर्व सम्बंधी समस्याओं के उपचार करने में विशेषज्ञ होते हैं।

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