ब्रह्मांड के रहस्य को समझ पाना एक जटिल कड़ी है जैसे कि हम यहां पर क्यों है? ब्रह्मांड अस्तित्व में कैसे आया? और आखिर इतना बड़ा ब्रहमांड बना ही क्यों? ऐसे ही सवाल तो बहुत हैं लेकिन उनके जवाब बहुत कम। क्या आपने कभी सोचा है कि ब्रह्मांड में मौजूद Galaxy, star, planets संनतुलित कैसे हैं।

ब्रह्मांड को जानने के लिए Theories

ब्रह्मांड को जानने के लिए दो theory का इस्तेमाल किया जाता है। पहली theory है General theory of relativity और दूसरी है Quantum mechanics। सर ईसेक न्यूटन ने आकाशीय पिंडों के बारे में एक theory दी थी। उनके अनुसार 2 वस्तुओं के बीच का gravitational force तात्कालिक यानी instantaneous होता है।

मतलब अगर एक वस्तु अचानक गायब हो जाए तो उसकी gravity तुरंत समाप्त हो जाएगी। अगर हम ऐसी कल्पना करें कि सूर्य नष्ट हो गया है तो हमें इसका पता 8 मिनट 20 सेकेंड बाद लगेगा। क्योंकि सूर्य की रोशनी धरती तक पहुंचने में 8 मिनट 20 सेकंड का समय लेती है। लेकिन न्यूटन के अनुसार gravity का प्रभाव तात्कालिक होता है। इसलिए सूर्य के नष्ट होने का पता हमें तुरंत यानी प्रकाश के धरती पर पहुंचने से पहले ही लग जाना चाहिए। लेकिन यहां पर एक विरोधाभास सामने आता है।

Ensiten General Theory of Relativity

General theory of relativity के अनुसार प्रकाश की गति से तेज कुछ भी नहीं चल सकता। लेकिन सूर्य के नष्ट होने पर gravity का प्रभाव पूरे सौरमंडल में तुरंत खत्म हो जाएगा। न्यूटन का सिद्धांत अल्बर्ट आइंस्टीन के सिद्धांत General theory of relativity से मेल नहीं खाता। अल्बर्ट आइंस्टाइन ने न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियमों को चुनौती देते हुए एक नई theory दी। आइंस्टाइन ने बताया कि सूर्य के चारों ओर घूमने वाले ग्रह curve space में घूमते हैं ना की सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से उसके चारों तरफ घूमते हैं। curve space को एक उदाहरण से समझा जा सकता है।

General theory of relativity को समझने के लिए उदाहरण

मान लो कि एक रबर की शीट है और उस पर कुछ वर्टिकल (vertically) होरिजेंटल (horizontally) लाइन खींची हुई है। शीट को खींचने के बाद उसके बीच में एक बड़ी बोल रखी जाए तो हमें दिखाई देगा कि बोल के आसपास की जो लाइन है वह थोड़ी तृषि और तीखी हो गई है और शीट में एक curve पैदा हो गया है।

अब दूसरी बोली सता पर डाली जाएगी तो उस curve की वजह से उस बड़े बॉल के पास चली जाएगी। सभी आकाशीय पिंड आइंस्टाइन के इस नियम को फॉलो कर रहे हैं और इसी curve space की वजह से प्रकाश की किरणें भारी पिंडों के पास से गुजरते समय मुड़ जाती हैं। General theory of relativity की मदद से हम चीजों की स्थिति की भविष्यवाणी कर सकते हैं। जैसे कि 1 साल बाद ग्रहों की स्थिति क्या होगी या फिर सौर मंडल के सभी ग्रह एक लाइन में कब आएंगे।

क्वांटम मेकैनिक्स क्या है?


अब अगर ब्रह्मांड को छोटे स्केल यानी क्वांटम लेवल (Quantum level) पर देखा जाए यानी एटम (atom) के level पर देखा जाए तो चीजें पूरी तरह से बदल जाती है। क्वांटम लेवल पर चौंकाने वाली theory सामने निकल कर आती है। क्वांटम लेवल पर न्यूटन के गति के नियम और आइंस्टाइन की General theory of relativity भी फेल हो जाते हैं। क्योंकि Quantum physics ब्रह्मांड को एक अलग नजरिए से समझाती है। यह तो हम सभी जानते हैं कि ऑर्डिनरी मैटर (ordinary matter) एटम से मिलकर बना है और एटम इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बना है।

रोजमर्रा की जिंदगी में हम इस दुनिया को एक अलग तरह से अनुभव करते हैं और हमारी दुनिया की सभी चीजें निश्चित हैं जैसे: हम एक बार में एक ही काम कर सकते हैं, हमारे पास  directions होती हैं, हमें पता है कि प्रकाश की गति  सबसे तेज है और हमारे सौरमंडल में केवल एक ही सूर्य है। लेकिन अगर एटम के लिए level पर देखा जाए तो दुनिया देखने का नजरिया ही बदल जाता है। जैसे कि क्वांटम लेवल पर directions खत्म हो जाती हैं हम एक ही समय में एक से ज्यादा काम कर सकते हैं और हम एक समय में एक से ज्यादा जगह पर मौजूद हो सकते हैं।

क्वांटम मेकैनिक्स (Quantum mechanics) Uncertain behavior को बताया  करती है। क्वांटम मेकैनिक्स में हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते कि आगे क्या होगा। यही वजह है कि क्वांटम लेवल पर न्यूटन के गति के नियम और General theory of relativity काम नहीं करते। क्योंकि मान ले कि क्वांटम मेकैनिक्स अनुसार सूर्य एक समय में एक से ज्यादा जगह पर मौजूद है। अब अगर सौरमंडल में तीन या चार सूर्य होंगे  तो पूरा सौरमंडल नष्ट हो जाएगा।

इसीलिए क्वांटम मेकैनिक्स (Quantum  mechanics) के नियमो को सिलेस्टियल बॉडी (celestial body) पर लागू किया जाता है तो हमेशा नाश ही मिलता है। अब यह कैसे संभव है कि General theory of relativity ब्रह्मांड को अलग तरह से बताती  है और क्वांटम मेकैनिक्स अलग तरह से। जबकि दोनों ही theory अपनी अपनी जगह सही है। अब ऐसा क्या हो कि ब्रह्मांड को केवल एक ही theory से बताया जाए और वह theory क्वांटम मेकैनिक्स और General theory of relativity दोनों पर ही लागू हो।

String Theory kya hai?

string theory एक ऐसी theory है जो ब्रह्मांड को क्वांटम लेवल पर भी बताती है और सेलीस्टियल बॉडी को भी बताती है। यह एक ऐसी theory है जो पूरे ब्रह्मांड के सभी पार्टिकल्स को परिभाषित करती है। इस theory का दूसरा नाम है M theory या Membrane theory और इस theory को theory of everything भी बोलते हैं। अब यह string theory ब्रह्मांड को कैसे परिभाषित करती है आइए जानते हैं।

प्रकृति में केवल चार फोर्स ही मौजूद हैं:

  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (electromagnetic)
  •  न्यूक्लियर फोर्स (nuclear force)
  • स्ट्रांग फोर्स (strong force)
  •  ग्रेविटेशन फोर्स  (gravitation)

और यही चारों force संपूर्ण ब्रह्मांड को संतुलित रखे हुए हैं। जब सेलीस्टियल बॉडी की हलचल को देखा जाता है तो वहां ग्रेविटेशनल फोर्स (gravitational  force) काम करती है और क्वांटम लेवल पर electromagnetic और strong nuclear force काम करती हैं। क्वांटम लेवल पर ग्रेविटी (gravity) नहीं पाई जाती।

अगर हम एटम को छोटे लेवल पर देखें तो हमें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मिलेंगे और अगर इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को छोटे लेवल पर देखा जाए तो हमें काक्स (quacks) मिलेंगे और अगर काक्स (quacks) को भी और छोटे लेवल पर देखा जाए तो हमे strings मिलेंगे जो कि एक one dimensional वस्तु है। string दुनिया की सबसे छोटी चीज है और इसकी लंबाई 10-³⁵m।

strings को कभी देखा नहीं जा सकता क्योंकि किसी भी चीज को देखने के लिए फोटोनस (photons) की जरूरत होती है। जो कि किसी वस्तु से प्रतिबिंबित (reflect) होकर हमारी आंखों में पहुंचते हैं। लेकिन string इतनी छोटी होती है कि फोटोनस की wavelength string से बढ़ी है। इसलिए हमारे पास string को देखने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है। string कपंन करते हैं और ऊजा निकालते हैं।

String कैसे काम करता है | How string theory hindi works


string अलग-अलग स्तिथि पर कंपन करते हैं आप ब्रह्मांड में जो भी देखते हो वह सब इन्हीं string के कंपन से बना है। यहां तक कि डार्क मैटर (dark matter) जो कि दिखाई नहीं देता वह भी इन्हीं string के कंपन से बना है और ब्रह्मांड में मौजूद करने वाले चारों forces इन्हीं strings के कंपन से ही उत्पन्न हुए हैं। हमें यह तो पता था कि सिलेस्टियल बॉडी में ग्रेविटी पाई जाती है लेकिन एटॉमिक लेवल पर Quantum  physics यह नहीं बता पाया था कि ग्रेविटी की force कहां से आती है। लेकिन string theory ने यह बताया कि string के कंपन से ग्रेविटोन पार्टिकल बनता है और ग्रेविटोन पार्टीकल की वजह से ही सिलेस्टियल बॉडी में ग्रेविटी पाई जाती है। string theory ऐसी ऐसी बातें बताती है जिन पर विश्वास करना मुश्किल होता है।

जैसे कि theory बताती है कि एक पार्टिकल ऐसा भी मौजूद है जो कि प्रकाश की गति से तेज चलता है। string  theory ने यह भी बताया कि एटम के अंदर एक massless पार्टिकल भी मौजूद करता है। और string  theory ने बताया कि हमारा ब्रह्मांड मल्टीडाइमेंशनल (multidimensional) है। theory के अनुसार ब्रह्मांड में 10 डाइमेंशंस मौजूद हैं अब हमें यह तो समझ आता है कि चार डाइमेंशंस कौन-कौन सी होती हैं। क्योंकि आइंस्टाइन बताया था कि हमारे पास तीन स्पेशल डाइमेंशंस हैं एक्स (x), वाई (y) और जेड (z) और चौथी टाइम डाइमेंशंस है। लेकिन बची हुई डाइमेंशंस कहां हैं।उदाहरण से समझते हैं ।

String theory का उदाहरण


मान लीजिए कि आप दूर से एक केबल को देख रहे हो जो कि दूर से एक सीधी लाइन की तरह एक डाइमेंशनल दिख रही है। अगर उसी के केबल को पास जाकर चींटी की नजर से देखा जाए तो चींटी को यह सर्कुलर सिलेंडर (circular cylinder) की तरह नजर आएगी। चींटी इस पर आगे  पीछे की जा सकती है और साइड मे भी जा सकती है। दूर से हमें जो केबल सिंगल डाइमेंशनल नजर आ रही थी। चींटी को वही केबल 3 डाइमेंशनल नजर आ रही है। इसी तरह ब्रह्मांड में कुछ डाइमेंशन ऐसी है जो कि छुपी हुई है और हम उन्हें नहीं देख सकते।

यह भी पड़े:
ऑर्गेनिक केमिस्ट्री क्या होता है?हाइड्रोजन गैस सूत्र, गुण, उपयोग क्या है?

दोस्तों वैसे तो string  theory hindi ने ब्रह्मांड के बहुत से रहस्यों से पर्दा उठाया है लेकिन string theory hindi केवल मैथमेटिकली प्रूफ है क्योंकि string इतनी छोटी होती है कि इसका प्रैक्टिकल एक्सपेरिमेंट नहीं किया जा सकता

साइंस किताबें

अगर आप भी किताबें पढ़ने के शौकीन हैं और खाली समय में साइंस के लोकप्रिय सिद्धांतों पर आधारित किताब पढ़ना चाहते हैं तो यह हमारी तरफ से टॉप साइंस किताबें हैं जो आप पढ़ सकते हैं:

क्वांटम फिजिक्सयहां से खरीदें
क्वांटम फिजिक्स एचसी वर्मायहां से खरीदें
ब्रह्मांड के सवाल स्टीफन हॉकिंगयहां से खरीदें
क्वांटम मैकेनिक्स एटॉमिक एंड मॉलेक्युलर स्पेक्ट्रोस्कॉपीयहां से खरीदें
हिस्ट्री ऑफ टाइमयहां से खरीदें
क्वांटम स्पेसयहां से खरीदें
साइंस ऑफ इंटरस्टेलरयहां से खरीदें
क्वांटम बुक मनजीत कुमारयहां से खरीदें
ब्लैक होल वाॅरयहां से खरीदें
Shares:

1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *