अगर आप ऐसे जीवो की पढ़ाई में रुचि रखते हैं जो नगर आंखों से नहीं देखे जाते और जिन्हें देखने के लिए साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट जैसे माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। तो आप माइक्रोबायोलॉजी की फील्ड में जा सकते हैं। माइक्रोबायोलॉजी सूक्ष्म जीवों के अध्ययन पर केंद्रित होती है। जिसमें बैक्टीरिया, वायरस, फंगी पर अध्ययन किया जाता है और मनुष्य वातावरण और खाने पर इनका प्रभाव देखा किया जाता है।

माइक्रोबायोलॉजी की फील्ड में आप विभिन्न तरह के कोर्स कर सकते हैं। लेकिन इसकी शुरुआत करने के लिए आपको 12वीं के बाद बैचलर पूरी करनी होगी जिसमें से सबसे लोकप्रिय कोर्स बीएससी माइक्रोबायोलॉजी होता है। आज हम जानेंगे कि बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स क्या है? इसकी फीस, सिलेबस, कैरियर और साथ ही जानेंगे कि बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के बाद क्या करें?

BSc microbiology kya hai?

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी 3 साल का फुल टाइम अंडरग्रैजुएट कोर्स है जोकि 6 समेस्टर में होता है। माइक्रोबायोलॉजी में माइक्रोस्कोपिक जीवो का अध्ययन किया जाता है। माइक्रोस्कॉपी जीव वह होते हैं जिन्हें हम नग्न आंखों से नहीं देख सकते और इन्हें देखने के लिए वैज्ञानिक उपकरण जैसे: माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। यह सब काम माइक्रोबायोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है। बीएससी माइक्रोबायोलॉजी आप डिस्टेंस और रेगुलर दोनों मोड से कर सकते हैं।

कुछ कॉलेजेस आपको माइक्रोबायोलॉजी की जगह पर कुछ स्पेशलाइजेशन कोर्स उपलब्ध करवाते हैं । यह सब माइक्रोबायोलॉजी की फील्ड से संबंधित कोर्स ही होते हैं। जैसे:

  • बीएससी इन इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी
  • बीएससी इन मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी
  • बीएससी इन अप्लाइड बायोटेक्नोलॉजी

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कैसे करें?

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए आपको 12वीं कक्षा पास करनी होगी इसमें आप के कम से कम 55% अंक होने चाहिए। पीसीबी और पीसीएम वाले छात्र इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।

पीसीबी (फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी) और पीसीबीएम (फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथमेटिक्स, बायोलॉजी) वाले छात्र इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं लेकिन मैथ्स वाले छात्र इस कोर्स में एडमिशन नहीं ले सकते है । लेकिन कुछ ऐसे कॉलेज हैं जहां आप पीसीएम के साथ बीएससी माइक्रोबायोलॉजी में एडमिशन ले सकते हैं। हालांकि मैथमेटिक्स के छात्रों अन्य कोर्स उपलब्ध हैं जैसे बीएससी बायो-टेक्नोलॉजी, इत्यादि।

एंट्रेंस एग्जाम

ज्यादातर कॉलेज में आप 12वीं कक्षा के अंको के आधार पर एडमिशन ले सकते है। लेकिन कुछ ऐसे कॉलेज भी है जहां पर आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होता है यह कुछ एंट्रेंस एग्जाम है: HPU MAT, CUET, MGU CAT, AMUEEE, LPUNEST, CUCET।

कॉलेज

बहुत सारे प्राइवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेज बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स उपलब्ध करवाते हैं। सबसे पहले आप सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए कोशिश करें यह कुछ अच्छी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज है जहां आप एडमिशन ले सकते हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, न्यू दिल्लीयूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता, कोलकाता
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ मौलाना आजाद कॉलेज, कोलकाता
जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, जयपुरअलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसीफ्यूजन कॉलेज, पुणे

प्राइवेट कॉलेज

अगर किसी कारण से आपका एडमिशन सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नहीं हुआ तो आपके लिए प्राइवेट में भी काफी अच्छे विकल्प है यह कुछ अच्छे प्राइवेट कॉलेज है जो आपको यह कोर्स उपलब्ध करवाते हैं।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहालीनिम्स यूनिवर्सिटी जयपुर
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जालंधरएमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा
शारदा यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडागलगोटिया यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा

माइक्रोबायोलॉजी कोर्स फीस

अगर फीस की बात करें तो यह आपके कॉलेज पर निर्भर करती है। अगर आप किसी सरकारी कॉलेज से कोर्स करते हैं तो यह 20 हजार से लेकर 50 हजार प्रतिवर्ष तक हो सकती है। वहीं अगर प्राइवेट यूनिवर्सिटी या कॉलेज से करते हैं तो यह 60 हजार से लेकर 3 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है।

माइक्रोबायोलॉजी कंपनियों

हर एक इंडस्ट्री में एक क्वालिटी एनालिसिस और क्वालिटी कंट्रोल का डिपार्टमेंट होता है जहाँ आप नौकरी पा सकते हैं। जैसे कुछ कंपनियों के नाम है :

Jubilant Life Sciences LimitedSyngene International Ltd
CiplaHorizon Biolabs Pvt Ltd
Serum Institute of IndiaBharat Biotech

स्कोप ऑफ माइक्रोबायोलॉजी

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी करने के बाद आप विभिन्न क्षेत्रों में जॉब कर सकते हैं जैसे डेवलपमेंट लैबोरेट्रीज, फार्मास्यूटिकल सेक्टर, हॉस्पिटल्स, केमिकल इंडस्ट्रीज, यूनिवर्सिटी, फूड इंडस्ट्रीज

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी करने के बाद आप इन पदों पर रहकर जॉब कर सकते हैं:

बैक्टीरियोलॉजिस्टबायोटेक्नोलॉजिस्ट
माइकोलॉजिस्टमाइक्रोबायोलॉजिस्ट
वायरोलॉजिस्टफूड माइक्रोबायोलॉजिस्ट
मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्टसेल बायोलॉजिस्ट
बायोकेमिस्ट्सबायोमेडिकल साइंटिस्ट
ऑपरेशन मैनेजरक्वालिटी कंट्रोल माइक्रोबायोलॉजिस्ट
रिसर्चर & साइंटिस्टक्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी फायदे

पूरी दुनिया की जनसंख्या बढ़ने और वातावरण गंदे होने के कारण नई-नई बीमारियां उत्पन्न होती है। खासतौर पर करोना महामारी आने के बाद ऐसे स्पेशलिस्ट की मांग काफी बढ़ गई है जिन्होंने इन सूक्ष्म जीवों से संबंधित पढ़ाई की हो। ऐसे में माइक्रो बायोलॉजिस्ट की डिमांड भी काफी बढ़ रही है।

माइक्रोबायोलॉजी सरकारी जॉब

डीबीटी यानी डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी गवर्नमेंट की संस्था है जो बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कैंडिडेट के लिए समय-समय पर नौकरी निकाली रहती है। जैसे: BIS, ICAR, FSSAI, FCI, Food Inspector, Forensies, Teaching

माइक्रोबायोलॉजी कोर्स सैलरी

अगर सैलरी की बात करें तो आपकी शुरुआती सैलरी 2 लाख से लेकर 3 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है । अनुभव और समय के साथ बढ़कर यह 10 लाख प्रतिवर्ष तक भी हो सकती है।

सब्जेक्ट

BacteriologyVirologybiochemistry
PhyeologyMyeologyenzyme technology
Medical MicrologyFood Micrologycell biology
InstrumentationRDTMolecular Biology
BiotechnologyGeneticscreative writing
GenomicsBio statisticsaminology
Bio MathematicsProteomicsmicrobial ecology
practicals
DNA IsolationProtein IsolationCentrifuge Machine Working

माइक्रोबायोलॉजी में करियर

माइक्रोबायोलॉजिस्ट

अगर आप बीएससी माइक्रोबायोलॉजी कर रहे हैं तो सबसे पहले आप माइक्रोबायोलॉजिस्ट बन सकते हैं। माइक्रोबायोलॉजिस्ट कोई भी फंगस या फिर बैक्टीरिया से संबंधित काम को करते हैं। आप रिसर्च लैब्स में भी माइक्रोबायोलॉजिस्ट के पद पर नौकरी पा सकते हैं।

फूड माइक्रोबायोलॉजिस्ट

फूड माइक्रोबायोलॉजिस्ट बनकर आप डायरीज में काम कर सकते हैं। जैसे मदर डेहरी,अमूल डेहरी। हर डायरी में एक अलग डिपार्टमेंट होता है जो सिर्फ दूध की गुणवत्ता का ध्यान रखते हैं तो आप इस क्षेत्र में नौकरी पा सकते हैं।

पैथोलॉजी

पैथोलॉजी बायोलॉजी की वह ब्रांच होती है जिसमें आपको किसी बीमारी के बारे में सीखना होता है कि वह बीमारी कैसे शरीर पर प्रभाव डालती है और उसके वह किस कारण से हो रही है। पैथोलॉजिस्ट बनकर और सरकारी तथा प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में काम कर सकते हैं

वायरोलॉजिस्ट

वायरोलॉजी में आप वायरस पर खोज करते हैं तथा उनका अध्ययन करते हैं। इसी के साथ वायरोलॉजिस्ट वायरस से बनने वाली दवाओं की भी खोज करता है। जैसा कि भारत में सबसे ज्यादा वैक्सीन उत्पादन होता है तो ऐसे में अगर आपको वायरोलॉजिस्ट बनते हैं तो आप किसी बड़ी कंपनी में जैसे सिपला, भारत बायोटेक, फाइजर, सिरम इंस्टीट्यूट जैसी कंपनी में वायरोलॉजिस्ट के पद पर जॉब कर सकते हैं।

टीचिंग

अगर आप टीचिंग में रुचि रखते हैं तो आप यह कोर्स करने के बाद एमएससी माइक्रोबायोलॉजी में जब एडमिशन लेते हैं तब आप नेट और जेआरएफ एक्जाम के लिए योग्य हो जाते हैं अगर आप नेट एग्जाम पास कर लेते हैं तो आप माइक्रोबायोलॉजी पूरी करने के बाद किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर कि जॉब कर सकते हैं इसी के साथ आप ऑनलाइन भी पढ़ा सकते हैं।

रिसर्च (NET/JRF)

एमएससी में एडमिशन लेने के बाद आप NET /JRF का एग्जाम देते हैं तो आपको पीएचडी करने में फेलोशिप मिलती है इसके लिए आपको नेट के साथ-साथ जेआरएफ एग्जाम भी पास करना होता है अगर आपके ज्यादा अंक आते हैं तब आपको JRF के माध्यम से फेलोशिप प्रदान की जाएगी जिससे आप किसी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर सकते हैं और रिसर्च की फील्ड में जा सकते हैं।

BSc Microbiology ke baad kya kare?

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी करने के बाद जॉब के काफी अवसर खुल जाते हैं लेकिन अगर आप एक अच्छी और उच्च जॉब करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको मास्टर्स कोर्स भी करना होगा। यह कुछ मास्टर कोर्स है :

Msc Microbiology

एमएससी माइक्रोबायोलॉजी 2 साल का मास्टर लेवल कोर्स होता है। बीएससी माइक्रोबायोलॉजी करने के बाद ज्यादातर विद्यार्थी मास्टर्स में एमएससी माइक्रोबायोलॉजी को चुनते हैं। इसमें आपको माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित गहराई में जानकारी दी जाती है।

इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आप बैचलर डिग्री माइक्रोबायोलॉजी, जूलॉजी, लाइफ साइंसेज, मेडिसिन या इससे संबंधित फील्ड से पास कर सकते हैं । कुछ अच्छी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होगा जैसे : CUCET, GATE, PGCET।

एमएससी माइक्रोबायोलॉजी करने के बाद आप इसमें विशेषज्ञ बन जाते हैं जिसको करने के बाद आप वायरोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, बैक्टीरियोलॉजिस्ट,लैब टेक्नीशियन बन सकते हैं।

Postgraduate diploma in microbiology

यह एक पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कोर्स होता है जो कि 1 साल का होता है यह डिप्लोमा कोर्स आफ बीएससी माइक्रोबायोलॉजी या कोई अन्य मेडिकल बैचलर डिग्री के बाद कर सकते हैं। किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए न्यूनतम 55% अंक होने चाहिए।

पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन माइक्रोबायोलॉजी करने के बाद आप माइक्रोबायोलॉजी रिसर्च ऑफिसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट डेमोंस्ट्रेटर बन सकते हैं।

Msc Biotechnology

एमएससी बायोटेक्नोलॉजी 2 साल का पोस्ट ग्रैजुएट कोर्स है इस कोर्स में आपको टेक्नोलॉजी, डिजाइन और इंजीनियरिंग बायोलॉजी और केमिस्ट्री की जानकारी दी जाती है। इसमें आपको बायो प्रोडक्ट और छोटे जीवो पर अध्ययन करना होता है।

अगर आपने अपनी बैचलर माइक्रोबायोलॉजी, जूलॉजी, लाइफ साइंसेज, मेडिसिन, या इनसे संबंधित फील्ड से पास कर ली है तब आप इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं ।तो अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देने होते हैं। एमएससी इन बायो टेक्नोलॉजी करने के बाद आप बायोटेक्नोलॉजिस्ट, बायोकेमिस्ट्स ,असिस्टेंट साइंटिस्ट्स, प्रोफेसर बन सकते हैं।

MBA

अगर आप बीएससी माइक्रोबायोलॉजी के बाद मैनेजमेंट की फील्ड में रुचि रखते हैं तब आप एमबीए इन हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर कोर्स कर सकते हैं। यह 2 साल का पोस्ट ग्रैजुएट मैनेजमेंट कोर्स होता है अगर न्यूनतम अंककी बात करें तो किसी भी बैचलर डिग्री में 50% अंक होने चाहिए।

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टॉप एमबीए कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम होते हैं। एमबीए के लिए कैट एग्जाम काफी लोकप्रिय एग्जाम है जोकि आपको IIMs में एडमिशन लेने के लिए देना होता है। इस कोर्स करने के बाद आप हेल्थ मैनेजर, हेल्थ एडमिनिस्ट्रेटर, हेल्थ एडमिनिस्ट्रेटर, हेल्थ केयर फाइनेंस मैनेजर के पद पर नौकरी कर सकते हैं।

phd

अगर आप मास्टर पूरी करने के बाद ओर पढ़ना चाहते हैं और रिसर्च में जाना चाहते हैं तब आप एमएससी माइक्रोबायोलॉजी तथा मास्टर डिग्री करने के बाद पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं। इसमें आप अलग-अलग विषयों पर पीएचडी कर सकते हैं जैसे इम्यूनोलॉजी, बैक्टीरियोलॉजी, वायरोलॉजी, इत्यादि।

अगर आपको उच्च शिक्षा और रिसर्च में जाना है तो इसके लिए आपको NET JRF का एग्जाम पास करना होगा। तो जिसके बाद आप माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी कर सकते हैं और जेआरएफ सर्टिफिकेट के माध्यम से सरकार द्वारा स्कॉलरशिप भी प्राप्त कर सकते हैं।

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